पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के इशारे पर पाकिस्तान (Pakistan) से वैध पासपोर्ट और वीजा पर भारत आए पाक जासूस और उसके दो सहयोगी को जासूसी के आरोप में सजा सुनाई गई.
इन पाकिस्तानी नागरिकों को जैसलमेर में भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भिजवाने के आरोपों का दोषी पाया गया. मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इन्हें 7 साल एवं अलग से एक आरोपी को एक साल और दूसरे को 2 साल के कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
भारतीय सेना की सूचनाएं भेज रहे थे पाकिस्तान
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस एस सेंगाथिर ने बताया कि पाकिस्तान के सांगड जिले में खिंपरो निवासी नंदलाल उर्फ नंदू महाराज वैध पासपोर्ट और वीजा पर जोधपुर आया था.
यह आईएसआई के इशारे पर जैसलमेर पहुंचकर भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं इकठ्ठा कर पाकिस्तान भिजवा रहा था. सीआईडी इंटेलिजेंस की टीम ने 20 अगस्त 2016 को शासकीय गुप्त बात अधिनियम और विदेशी अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत पाक जासूस नंदलाल उर्फ नंदू महाराज को गिरफ्तार किया था.
जांच के दौरान नंद लाल की जासूसी में मदद करने के आरोप में दो अन्य पाक नागरिक भाइयों गौरीशंकर और प्रेम चंद को गिरफ्तार किया गया.
एडीजी ने बताया कि दोनों भाई भी पाकिस्तान के सांगड जिले में खिंपरो क्षेत्र के ही रहने वाले हैं. पाकिस्तान से लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत आने के बाद दोनों जोधपुर के हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र के हरिनगर और शंकर नगर में अलग-अलग मकान में रह रहे थे.
उन्होंने बताया कि जांच के बाद तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध 16 नवंबर 2016 को मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट जयपुर महानगर प्रथम के न्यायालय में सीआईडी इंटेलिजेंस द्वारा चार्जशीट पेश की गई.
जहां सुनवाई में तीनों अभियुक्तों को दोष सिद्ध पाए होने पर 7 साल की सजा सुनाई गई. धारा 10 में अभियुक्त गौरीशंकर और प्रेमचंद को दोषी पाए जाने पर 1 साल की कठोर कारावास और अभियुक्त नंदलाल को विदेशी अधिनियम की धाराओं में दोषी पाए जाने पर 2 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया है.
(इनपुट—पंकज सोनी)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)