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पालघर के लोगों को बुलेट ट्रेन नहीं, पानी और बिजली चाहिए

पालघर में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का हो रहा विरोध

Published
भारत
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महाराष्ट्र के पालघर जिले के लोगों ने अपने इलाके में बुलेट ट्रेन के लिए जमीन देने के लिए हामी भरने से पहले पानी-बिजली की व्यवस्था करने की मांग की है. इसके साथ ही लोगों ने तालाब, एंबुलेंस सेवाएं, सोलर एनर्जी से चलने वाली स्ट्रीट लाइट और मेडिकल की सुविधा उपलब्ध कराने की भी मांग की है.

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पालघर में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का हो रहा विरोध

पालघर के लोग अपनी मांगों के लिए बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) ज्यादातर शर्तों को मानने पर राजी हो गया है.

एनएचआरसीएल को 23 गांवों में बहुत ज्यादा विरोध का सामना करना पड़ रहा है. अब एनएचआरसीएल ने अपने रुख में बड़ा बदलाव किया है. अधिकारी प्रत्येक जमींदार के पास जाकर उनकी मांग सुनने के साथ ही उनको उचित मुआवजा देने की बात कर रहा है.

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“हमने अपने रुख में बदलाव किया है. पहले हम गांवों के चौक पर गांव वालों को इकठ्ठा कर उन्होंने मनाने की कोशिश कर रहे थे कि प्रोजेक्ट अच्छे काम के लिए है. पर यह काम नहीं आया, इसलिए हमने तय किया है कि अब हम सिर्फ जमींदारों के पास जाएंगे और गांव के मुखिया से लिखित में देने को कहेंगे कि वह जमीन के एवज में मुआवजे के अलावा और क्या चाहते हैं.’’ 
धनंजय कुमार, प्रवक्ता, एनएचआरसीएल
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पालघर में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का हो रहा विरोध
बुलेट ट्रेन को लेकर पालघर में विरोध
(फोटो: iStock)
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बुलेट ट्रेन का 110 KM हिस्सा पालघर से गुजरेगा

508 किलोमीटर लंबे इस ट्रेन कॉरिडोर का करीब 110 किलोमीटर पालघर जिले से गुजरता है. इस प्रोजेक्ट के लिए 73 गांवों की 300 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी जो इस रूट पर पड़ने वाले करीब 3,000 लोगों को प्रभावित करेगा.

पालघर जिले के आदिवासी और फल उत्पादक इस प्रोजेक्ट का जमकर विरोध कर रहे हैं. हालांकि एनएचआरसीएल अब धीरे-धीरे गांववालों की कुछ मांगों को लक्ष्य बनाकर चीजें अपने पक्ष में कर रहे हैं.

(इनपुटः PTI)

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