पठानकोट हमले की जांच के मामले में एक बड़ा मोड़ आ गया है. हमले की जांच कर रही NIA की एक विशेष अदालत ने जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर समेत 4 के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है.
मोहाली स्थित NIA के स्पेशल कोर्ट ने एयरबेस पर आतंकवादी हमले की साजिश रचने पर मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ और आतंकवादियों के सहयोगी काशिफ जान और शाहिद लतीफ के नाम गैरजमानती वारंट जारी किया है.
इस गिरफ्तारी वारंट का सीधा मतलब यह है कि भारत पाकिस्तान को यह बताना चाहता है कि उसके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि पठानकोट हमले में इन सभी आतंकियों की भूमिका है.
JIT की ‘करतूत’ से बिगड़ा मामला
हाल ही में पठानकोट हमले में जांच के लिए पाकिस्तान से संयुक्त जांच टीम (JIT) भारत आई थी, जिसने पाकिस्तान लौटकर यह बयान दे डाला कि हमले में पाकिस्तान की कहीं कोई भूमिका नहीं है. इतना ही नहीं, JIT ने उल्टे यह भी आरोप मढ़ दिया कि ये हमले भारत ने खुद ही करवाए हैं.
JIT को भारत आने की इजाजत देने पर सियासी गलियारों में मोदी सरकार की किरकिरी हो रही थी. विपक्षी नेता इसे कूटनीतिक मोर्चे पर मोदी सरकार की नाकामी करार दे रहे थे.
बहरहाल, देखना यह है कि NIA की अदालत के इस वारंट पर पाकिस्तान आगे क्या कार्रवाई करता है.
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