बिहार की राजधानी पटना वासियों को अब बस, ऑटो और रिक्शे में दफ्तर जाने से अब जल्द ही निजात मिलने वाली है. नीतीश सरकार ने पटना मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी दे दी है. इस परियोजना को साल 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. कैबिनेट की बैठक के दौरान कुल 51 एजेंडों पर मुहर लगाई गई है.
पटना मेट्रो परियोजना को मिली हरी झंडी
नीतीश की कैबिनेट की बैठक के दौरान पटना मेट्रो पर भी चर्चा की गई और राइट्स लिमिटेड द्वारा पेश की गई अंतिम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को हरी झंडी दे दी गई.
कैबिनेट की बैठक में तय किया गया है कि इस परियोजना पर कुल 16,960 करोड़ रुपए खर्च होंगे. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अब नगर विकास एवं आवास विभाग डीपीआर को केंद्र सरकार को भेजेगा ताकि इस परियोजना को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाया जा सके.
राइट्स लिमिटेड ने बनाया है डीपीआर
डीपीआर भारत सरकार की एजेंसी राइट्स लिमिटेड ने तैयार की है. अब केंद्र सरकार के अनुमोदन के बाद ग्लोबल टेंडरिंग के जरिए कंपनी का नाम तय किया जाएगा. मौजूदा डीपीआर के मुताबिक अभी चार कॉरीडोर का प्रस्ताव तैयार किया गया है.
पहले चरण में यहां दौड़ेगी पटना मेट्रो
कॉरीडोर-1 डीपीआर के मुताबिक पहले चरण में मेट्रो मीठापुर, बाइपास होते हुए हाईकोर्ट और जंक्शन तक लगभग 14 किलोमीटर रेल लाइन बिछेगी. उसके बाद दानापुर से आरपीएस मोड़ तक मेट्रो अंडर ग्राउंड चलेगी. उसके बाद दीघा-हाईकोर्ट लिंक रोड वाया जंक्शन मीठापुर तक और आगे शिवपुरी तक ओवर ग्राउंड के साथ फिर हाइकोर्ट तक अंडर ग्राउंड ट्रेन चलेगी.
कॉरीडोर-2 जंक्शन, डाकबंगला, वाया गांधी मैदान, राजेंद्र नगर टर्मिनल, अगमकुंआ, गांधी सेतु तक 16 किलोमीटर तक.
कॉरीडोर-3 बाइपास चौक मीठापुर से दीदारगंज वाया ट्रांसपोर्टनगर 13 किलोमीटर तक.
कॉरीडोर-4 बाइपास चौक मीठापुर से फुलवारी शरीफ वाया अनीसाबाद एनएच30 बाइपास तक 11 किलोमीटर तक लाइन बिछाई जाएगी.
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