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पहले जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान छीनी, अब जमीन पर सरकार की नजर: महबूबा मुफ्ती

महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर के आरेएस पोरा में एक सभा को संबोधित कर रही थीं.

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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने कहा है कि राज्य के लोगों की विशेष पहचान को नुकसान पहुंचाने के बाद अब सरकार की नजर उनकी जमीन और संपत्तियों पर है.

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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू के आरएस पोरा में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि बीजेपी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार शांति का नाटक कर रही है और इसके उल्टे परिणाम आ रहे हैं.

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार महबूबा ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के नाम पर भारी संख्या के में सेना की मौजूदगी के बीच जबरदस्ती भरे कदम उठाए जा रहे हैं, लोगों को मौलिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है और एक खास विचारधारा को जबरन थोपा जा रहा है.'

महबूबा ने कहा कि मेल-मिलाप बढ़ाने और चर्चा करने से ही केवल लंबे समय के लिए शांति स्थापित की जा सकती है. उन्होंने कहा कि आप दर्द से कराह रहे किसी बीमार मरीज का मुंह बंद करके यह दावा नहीं कर सकते कि उसकी हालत स्थिर है.

महबूबा ने प्रवासी पक्षियों की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले घराना वेटलैंड के मुद्दे को भी उठाया. उन्होंने कहा कि इसके विकास की सरकार की योजना से राज्य में पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा हो सकता है, लेकिन प्रशासन स्थानीय लोगों के मुद्दों की अनदेखी नहीं कर सकता है, उनकी जमीन का बड़ा हिस्सा इस प्रॉजेक्ट में जाने वाला है. प्रशासन को विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों के इसके बदले जमीन और नौकरी देना चाहिए.

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