जम्मू-कश्मीर में पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के झंडे वाले बयान राजनीति और बवाल शुरू हो गया है. जहां एक ओर बीजेपी मुफ्ती की गिरफ्तारी की मांग कर रही है, वहीं दूसरी ओर पीडीपी का दावा है कि उनके जम्मू स्थित ऑफिस पर हमला हुआ है और तिरंगा लगाने की कोशिश हुई है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी इस मामले में कहा कि 'भारत के तिरंगे का जिस तरह से अपमान किया गया उसकी बीजेपी भर्त्सना करती है.'
महबूबा मुफ्ती ने हिरासत से छोड़े जाने के बाद 23 अक्टूबर को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और इसमें उन्होंने कहा था कि वो तिरंगा तभी उठाएंगी, जब जम्मू-कश्मीर का झंडा वापस लाया जाएगा.
पीडीपी का दावा- जम्मू ऑफिस पर हमला हुआ
पीडीपी नेता फिरदौस टाक ने दावा किया है कि पार्टी के जम्मू स्थित ऑफिस पर एक भीड़ ने 24 अक्टूबर को हमला किया. उन्होंने कहा, "एक भीड़ हमारे हेडक्वार्टर में घुस आई. उन्होंने हमारे साथ बदसलूकी की, तिरंगा लगाने की कोशिश की और बहुत ही अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया."
साफ तौर पर वो दक्षिणपंथी थे क्योंकि वो एक खास रंग पहने हुए थे. उन्होंने हमें धमकी दी कि वो कल फिर आएंगे और इस ऑफिस को ढहा देंगे.फिरदौस टाक
फिरदौस का कहना है कि उन्होंने प्रशासन तक पहुंचने की कोशिश की है और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से संपर्क की भी कोशिश की लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया.
एक देश में दो निशान अब नहीं चलेंगे: रविशंकर प्रसाद
महबूबा मुफ्ती के झंडे वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रतिक्रिया दी है. प्रसाद ने कहा कि भारत के तिरंगे का जिस तरह से अपमान किया गया उसकी हम भर्त्सना करते हैं.
तिरंगा देश का झंडा है, J&K भारत का अविभाज्य अंग. बता दें 370 अब बहाल नहीं होगा. एक देश में दो निशान और दो प्रधान अब नहीं चलेंगे कि यहां भी झंडा होगा वहां भी झंडा होगारविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "आश्चर्य है कि तथाकथित सेक्युलर लॉबी के लोग इस मामले पर क्यों शांत हैं. जो देश में कुछ भी हो रोज बीजेपी के खिलाफ झंडा लेकर खड़ा हो जाते हैं, वो महबूबा जी के इतने बड़े राष्ट्रविरोधी वक्तव्य पर भी खामोश हैं. ये दिखाता है कि उनका दोहरा चरित्र और दोहरे मानदंड क्या है."
महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा था?
महबूबा मुफ्ती ने 23 अक्टूबर को कहा था कि वो तिरंगा तभी उठाएंगी, जब 'जम्मू-कश्मीर के झंडे' को भी फहराने की इजाजत दी जाएगी. मुफ्ती ने कहा, "मेरा झंडा ये है. जब ये वापस आएगा, तभी हम तिरंगा उठाएंगे. जब तक हमें अपना झंडा वापस नहीं मिलता, हम कोई और झंडा भी नहीं उठाएंगे. इस झंडे ने तिरंगे के साथ हमारे रिश्ते को जोड़ा था."
महबूबा ने कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर का संविधान और झंडा वापस नहीं आता, तब तक वो किसी चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगी.
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