राजस्थान के अलवर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 14 अगस्त को पहलू खान लिंचिंग केस के 6 आरोपियों को बरी कर दिया. लिंचिंग का यह मामला साल 2017 का था. अलवर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. नेताओं, पत्रकारों से लेकर आम सोशल मीडिया यूजर्स तक ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
किसी ने तंज कसते हुए कहा है कि पहलू खान को किसी ने नहीं मारा, वहीं किसी ने राहत इंदौरी की इन पंक्तियों का जिक्र किया है- ‘’अब कहां ढूंढने जाओगे हमारे कातिल, आप तो कत्ल का इल्जाम हमीं पर रख दो.’’ कुछ प्रतिक्रियाओं में कहा गया है कि लिंचिंग का यह मामला कैमरे में कैद हो गया था, फिर भी आरोपी बरी हो गए.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है, ''किसी की सरेआम हत्या के साक्षात प्रमाण होते हुए भी सब आरोपियों की मुक्ति? लोकतंत्र से शोकतंत्र की ओर...''
इस मामले पर आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने पूछा है, ''जिस घटना को पूरे देश ने देखा, उसको न्यायालय क्यों नहीं देख पाया?''
दोनों पक्षों के वकीलों ने बताया कि जज सरिता स्वामी ने आरोपियों को ‘संदेह के लाभ’ के आधार पर बरी किया है. इस फैसले से पहलू खान के बड़े बेटे इरशाद भी स्तब्ध हैं. हालांकि उन्होंने कहा, ‘’हम इस मामले को आगे ले जाएंगे. हम ऊंची अदालतों का रुख करेंगे. हम हार नहीं मानेंगे. किसी को दोषी साबित होना होगा. काफी ज्यादा सबूत थे.’’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले पर कहा है, ''हमारी राज्य सरकार ने अगस्त 2019 के पहले हफ्ते में मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाया है. हम पहलू खान के परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध हैं. अलवर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार अपील करेगी.''
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