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इंसाफ की आस में पहलू खान का परिवार, आर्थिक तंगी ने तोड़ी कमर

पहलू खान के बेटे इरशाद का कहना है कि वो जिंदगी में दोबारा कभी पशुपालन का काम नहीं करेंगे.

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राजस्थान के अलवर में कथित गोरक्षों के हमले का शिकार हुए पहलू खान की मौत को दो महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है. लेकिन परिवार अब तक संभल नहीं पाया है. इस हमले के दौरान पहलू खान के बेटे इरशाद भी उनके साथ मौजूद थे. इरशाद का कहना है कि वो जिंदगी में दोबारा कभी पशुपालन का काम नहीं करेंगे.

इरशाद के मुताबिक

परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. लोगों ने जो मदद की थी वो कोर्ट कचहरी के चक्कर में खत्म हो गई.

इरशाद का कहना है कि उनके पास गाय को खरीदने के सभी कागजात थे, इसके बावजूद गाय रक्षकों ने जानबूझ कर उनके साथ मारपीट की.

एक अप्रैल 2017 को 55 साल के पहलू खान अपने बेटों और दो अन्य लोगों के साथ जयपुर पशु मेले से गाय खरीदने गए थे. वहां से लौटते समय अलवर के बहरोर में कथित गोरक्षकों ने उनपर हमला कर दिया. जिसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान पहलू खान की मौत हो गई.

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