सियाचिन ग्लेशियर में आए एवलांच के बाद छह दिनों तक करीब 35 फुट बर्फ के नीचे दबे रहे भारतीय सेना के लांस नायक हनुमंथापा की हालत नाजुक बनी हुई है. लेकिन इस जांबाज सैनिक की जिंदगी की खातिर एक ओर जहां देश भर में दुआएं की जा रहीं हैं वहीं कुछ लोग मौत को मात देने वाले इस सिपाही को अंगदान करने के लिए आगे आ रहे हैं.
लांस हनुमंथापा के जज्बे से प्रभावित होकर उत्तर प्रदेश की एक महिला ने उनकी जान बचाने के लिए अपनी किडनी दान करने का फैसला किया है वहीं सीआईएसएफ का एक रिटायर्ड जवान भी हनुमंथापा को अंगदान करने के लिए आगे आया है.
देश के सिपाही को किडनी देना चाहती है ये महिला
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 167 किलोमीटर दूर लखीमपुर खीरी निवासी एक महिला निधि पांडे ने जिंदगी और मौत से जूझ रहे जवान को अपनी किडनी दान करने की ख्वाहिश जाहिर की है.
निधि पाण्डेय लखीमपुर खीरी स्थित भीरा थाना इलाके में गांव पड़रिया तुला की रहने वाली हैं. वे अभी महज 25 साल की हैं. उनकी शादी साल 2011 में हुई थी. उनके पति एक निजी टूर ट्रेवेल एजेंसी में बतौर प्रबंधक काम करते हैं.
निधि के पति दीपक मृत्योपरान्त अपनी आँख दान करने का संकल्प ले चुके हैं. निधि कहती हैं कि उन्हें इस तरह के अंगदान की प्रेरणा अपने पति दीपक से मिली है. उनका कहना है कि जब उन्होंने हनुमंथापा के बारे में सुना तो उन्हें लगा कि देश के इस सच्चे सिपाही की मदद करनी चाहिए.
निधि ने बताया कि जब भी जरूरत होगी वह अपनी किडनी हनुमंथापा को देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि सैनिक उनके भाई के समान है वे उसकी रक्षा करने के लिए किडनी दान करना चाहती हैं.
अंगदान कर हनुमंथापा की जान बचाना चाहता है ये रिटायर्ड सिपाही
सीआईएसएफ के रिटायर्ड हेड कांस्टेबल प्रेम स्वरूप भी अपनी किडनी हनुमंथापा को दान करना चाहते हैं. इसके लिए वह दिल्ली के आर्मी अस्पताल पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा,
सुबह करीब 9 बजे मैंने टीवी पर देखा कि उनकी(हनुमंथापा) किडनी खराब हो गई है. उसी वक्त मैं घर से निकल पड़ा. पहले बेस हॉस्पीटल गया तो वहां उन्होंने बताया कि उन्हें आर.आर. हॉस्पीटल में रखा गया है. तब मैं यहां आया हूं. मैं डॉक्टरों से मिलूंगा, उन्हें कहूंगा कि उन्हें किडनी या लीवर जो भी चाहिए या शरीर का जो भी अंग चाहिए वह मैं दान करने को तैयार हूं, ताकि उनकी जिंदगी बच जाए.
दुआओं का दौर जारी
देश के अलग-अलग शहरों में लांस नायक हनुमंथापा के लिए दुआओं का दौर जारी है.
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