मुंबई की अदालत में मंगलवार को सीबीआई द्वारा फाइल की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट में बताया गया कि अप्रैल 2002 में हुई शीना बोरा की हत्या की साजिश में पीटर शुरू से ही इंद्राणी के साथ शामिल थे.
अब तक मुंबई पुलिस पीटर को बचाने की कोशिश कर रही थी. ऐसे में सीबीआई का यह खुलासा पीटर के लिए बड़े झटके के रूप में सामने आया है.
मुंबई पुलिस के अधिकारियों की संदेहास्पद भूमिका और सबूतों के आधार पर आने वाले कुछ हफ्तों में सीबीआई तीसरी चार्जशीट फाइल कर सकती है.
पीटर पर सीबीआई के इस आरोप का आधार हैं 24 अप्रैको पाली हिल्स में एक कार में शीना की हत्या से ठीक पहले और बाद में पीटर और शीना के बीच हुई बातों के कॉल रिकॉर्ड्स.
फोन कॉल के रूप में बड़ा सबूत मौजूद
हालांकि शीना की हत्या वाले दिन पीटर यूके में थे, लेकिन सीबीआई इंद्राणी और पीटर की फोन कॉल्स की शक्ल में अपने पास सभी जरूरी सबूत होने का दावा कर रही है. 242 और 1,329 सेकेेंड की दो फोन कॉल्स इंद्राणी के कॉल डेटा में हैं, जो उसे पीटर से जोड़ती हैं.
इसके अलावा इंद्राणी ने रायगड़ के जंगलों में शीना की लाश को जलाने के बाद 25 अप्रैल को भी पीटर से 924 सेकेंड के लिए बात की.
चार्जशीट में सीबीआई ने यह भी कहा है कि पीटर ने अपने बेटे राहुल को एक ईमेल के जरिए गलत जानकारी दी कि शीना यूएस में है, जबकि शीना की हत्या 24 अप्रैल 2012 को ही की जा चुकी थी. शीना के अमेरिका में होने के बारे में बताता यह ईमेल मई 2012 में भेजा गया था. पीटर ने यह भी कहा कि अगर किसी को शीना के बारे में ज्यादा जानकारी चाहिए, तो वह इंद्राणी से संपर्क कर सकता है.
सीबीआई के मुताबिक पीटर और इंद्राणी को अपने बेटे से शीना का रिश्ता पसंद नहीं था, इसलिए दोनों ने उसे मारने की साजिश रची. हालांकि सीबीआई इस साजिश में पैसे की भूमिका से भी इनकार नहीं कर रही है.
और भी चार्जशीट हो सकती हैं फाइल
सीबीआई का दावा है कि सबूत मिटाने की कोशिश के सिलसिले में मुंबई पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ जांच अभी जारी है.
सीबीआई का कहना है कि 2012 में शीना की जली हुई लाश मिलने के बाद बी रायगढ़ पुलिस ने एक्सिडेंटल डेथ रिपोर्ट (ADR) नहीं लिखी, यह जांच के दायरे में है. पर अभी गिरफ्तारियां जल्दी होने की संभावना नहीं है.
सीबीआई का कहना है कि जांच में मुंबई पुलिस की लापरवाही साफ नजर आ रही है. सीबीआई ने इस मामले में मुंबई पुलिस द्वारा की गई शुरुआती जांच पर भी सवाल उठाए हैं.
सूत्रों के अनुसार, जांच इस पर भी हो रही है कि पीटर मुखर्जी को शुरुआती जांच के दौरान फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई थी या नहीं. पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया के साथ पीटर की नजदीकी ने सीबीआई को इस बारे में जांच करने के लिए मजबूर कर दिया है.
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