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पेट्रोल-डीजल के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी, जानिए कैसे बढ़ती है कीमत  

दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 74 रुपये 8 पैसे प्रति लीटर पर पहुंच चुकी है, जबकि डीजल 65 रुपये 31 पैसे प्रति लीटर

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पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. राजधानी दिल्ली में इस वक्त पेट्रोल की कीमत 74 रुपये 8 पैसे प्रति लीटर पर पहुंच चुकी है. वहीं डीजल की कीमत दिल्ली में 65 रुपये 31 पैसे प्रति लीटर तक पहुंच गई है, जो देश में डीजल की अब तक की सबसे ज्यादा कीमत है. मुंबई का हाल इससे भी बुरा है, जहां पेट्रोल 81 रुपये 93 पैसे, और डीजल 69 रुपये 54 पैसे प्रति लीटर पर पहुंच गया है. अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की बढ़ती कीमत पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों की वजह है.

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कीमत में बढ़ोतरी के पीछे की वजह

पेट्रोलियम एक्सपोर्ट करने वाले देशों के संगठन (ओपेक) और रूस की ओर से कच्चे तेल की आपूर्ति में कटौती के चलते दुनिया भर तेल की कीमतों में उछाल आता है. इंडियन बास्केट (क्रूड) की लागत, जो 2016-2017 में 47.56 डॉलर प्रति बैरल थी, वो मार्च 2018 में बढ़कर 63.80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई. इस महीने कच्चे तेल की कीमत 76.84 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुकी है.

अप्रैल के महीने में पिछले 5 सालों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हुए उतार-चढ़ाव पर डालिए एक नजर -

 दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 74 रुपये 8 पैसे प्रति लीटर पर पहुंच चुकी है, जबकि डीजल  65 रुपये 31 पैसे प्रति लीटर

कच्चे तेल का खेल

  • भारत को हर साल 214 मिलियन टन कच्चे तेल की जरूरत होती है
  • यह जरूरत मुख्य तौर पर आयात के माध्यम से पूरी होती है
  • कच्चे तेल की अस्थिरता के चलते कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहता है
  • जुलाई 2009 में इसकी कीमत 147 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड पर पहुंच गया था
पिछले साल जून में तेल की सरकारी कंपनियों- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्‍तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने तेल की कीमत से जुड़ी 15 साल पुरानी परंपरा को खत्‍म करते हुए हर दिन रेट रिवाइज की नई परंपरा शुरू की थी. इससे पहले हर महीने की पहली और 16 तारीख को पेट्रोल और डीजल के रेट रिवाइज किये जाते थे.

पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार इसकी कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाने की कोशिश में है. अगर ऐसा होता है तो इनकी कीमतों पर लगाम लगाया जा सकता है. फिलहाल पेट्रोल-डीजल की कीमत हर राज्य में अलग-अलग तय है. इसे वैट के तहत रखा गया है. जीएसटी के दायरे में पेट्रोल-डीजल की कीमत आ जाने के बाद इसमें समानता आने की संभावना है.

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