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देखिए फोटोशॉप की ताकत: दो मिनट में बना सकते हैं झूठ को सच 

जानिए न्यूज बताकर चलाई गई उन तस्वीरों के बारे में जो असल में फोटोशॉप की गईं थीं.

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जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी के बाद हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन की वजह से पत्रकारों और राजनेताओं को सांस लेने का मौका नहीं मिला है.

इसी बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी सहयोगी प्रॉफेसर वीरेंद्र पर खाप नेता को फोन करके हिंसा भड़काने का आरोप लगा है. इस मामले में एक ऑडियो टेप सामने आया है जिसमें प्रॉफेसर वीरेंद्र खाप नेता से बात करते दिखाए गए हैं.

कांग्रेस पार्टी ने इस मामले पर प्रॉफेसर वीरेंद्र से स्पष्टीकरण मांगा है. इस पर प्रॉफेसर वीरेंद्र का कहना है कि ऑडियो टेप के साथ छेड़छाड़ की गई है.

लेकिन, न्यूज चैनलों ने अब तक इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया सयंमित रखी है.

ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि हाल ही में कुछ चुनिंदा न्यूज चैनलों ने फोटोशॉप की गई तस्वीरों को न्यूज बताकर चलाया है.

एक पोज, लेकिन अलग बैैकग्राउंड

जानिए न्यूज बताकर चलाई गई उन तस्वीरों के बारे में जो असल में  फोटोशॉप की गईं थीं.

जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की एक तस्वीर को फेसबुक से उठाकर भारत के बंटे हुए नक्शे के सामने लगा दिया गया. एडिटेड तस्वीर को पहली नजर से देखने पर लगता है जैसे कन्हैया वाकई नक्शे के सामने खड़े हैं, लेकिन थोड़ा ध्यान से देखने पर चोरी पकड़ी जाएगी.

इस तस्वीर में कन्हैया के पीछे उर्दू में लिखे हुए टेक्स्ट को चुनिंदा न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया पर चलाया गया.

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झंडा ऊंचा रहे हमारा, लेकिन ऐसे?

पुलित्जर पुरस्कार जीत चुकी ये तस्वीर द्वितीय विश्व युद्ध की है. इस तस्वीर में अमेरिकी सैनिक हिंद महासागर के दो द्वीपों पर जीत के बाद अपने देश का झंडा फहरा रहे हैं. इस तस्वीर पर आधारित डाक टिकट भी जारी किया गया था.

लेकिन टीवी चैनल टाइम्स नाउ पर ये एक मजाक का पात्र बना.

चैनल के प्राइमटाइम शो पर एंकर अर्नब गोस्वामी के सामने बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस तस्वीर का एक फर्जी वर्जन पूरी दुनिया को दिखाया. पात्रा की तस्वीर में अमेरिकी झंडा भारतीय बन चुका था. उन्होंने पूरा दम भरते हुए इसे भारत के शौर्य की एक ऐतिहासिक तस्वीर बताई और कहा, “देखिए हमारे बहादुर भारतीय जवानों को”.

जानिए न्यूज बताकर चलाई गई उन तस्वीरों के बारे में जो असल में  फोटोशॉप की गईं थीं.

यही नहीं, संबित पात्रा ने इसी टीवी चैनल पर एक वीडियो दिखाया जिसमें जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार दिखते हैं, लेकिन इसका ऑडियो एडिटेड था. यानी वीडियो में वो बोल कुछ रहे हैं, आवाज कुछ और आ रही है.

अब देखिए असली वीडियो

पीएम मोदी की नहीं है झाड़ू वाली तस्वीर

जानिए न्यूज बताकर चलाई गई उन तस्वीरों के बारे में जो असल में  फोटोशॉप की गईं थीं.

साल 2014 के चुनाव में बीजेपी ने अपने प्रधानमंत्री कैंडीडेट नरेंद्र मोदी की कई तस्वीरें जारी कीं. इनमें से एक तस्वीर ये भी है जिसमें कथित तौर पर पीएम मोदी साल 1988 में आरएसएस कार्यालय पर झाड़ू लगाते दिख रहे हैं. लेकिन, असल में ये तस्वीर भी नकली है.

PIB का फोटोशॉप जॉब

जानिए न्यूज बताकर चलाई गई उन तस्वीरों के बारे में जो असल में  फोटोशॉप की गईं थीं.

प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने पीएम मोदी के चेन्नई दौरे की तस्वीर को फोटोशॉप किया था. लेकिन, ये पहली बार नहीं है जब पीआईबी ने ऐसा किया हो. इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में पीआईबी ने उनके एक दौरे की तस्वीर को भी फोटोशॉप किया था.

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