प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अगस्त को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा, '' आम तौर पर ये समय उत्सव का होता है. जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं. कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग और उत्साह तो है ही, मन को छू लेने वाला अनुशासन भी है.''
उन्होंने कहा कि हम बहुत बारीकी से अगर देखेंगे, तो एक बात जरूर हमारे सामने आएगी- हमारे पर्व और पर्यावरण, इन दोनों के बीच एक बहुत गहरा नाता है.
पीएम मोदी ने कहा,
- ''बिहार के पश्चिमी चंपारण में सदियों से थारू आदिवासी समाज के लोग 60 घंटे के लॉकडाउन, उनके शब्दों में ‘60 घंटे के बरना’ का पालन करते हैं. प्रकृति की रक्षा के लिए बरना को थारू समाज के लोगों ने अपनी परंपरा का हिस्सा बना लिया है और ये सदियों से है.''
- ''इस दौरान न कोई गांव में आता है, न ही कोई अपने घरों से बाहर निकलता है और लोग मानते हैं कि अगर वो बाहर निकले या कोई बाहर से आया, तो इनके आने-जाने से, लोगों की रोजमर्रा की गतिविधियों से, नए पेड़-पौधों को नुकसान हो सकता है.''
- ''ऋगवेद में मंत्र है- अन्नानां पतये नमः, क्षेत्राणाम पतये नमः, अर्थात अन्नदाता को नमन है. किसान को नमन है. किसानों ने कोरोना जैसे कठिन समय में अपनी ताकत को साबित किया है. हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत ज्यादा हुई है.''
पीएम मोदी ने किया खिलौना इंडस्ट्री में भारत की हिस्सेदारी का जिक्र
पीएम मोदी ने खिलौना इंडस्ट्री को लेकर कहा,
- ''खिलौने जहां एक्टिविटी को बढ़ाने वाले होते हैं, तो खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं. खिलौने केवल मन ही नहीं बहलाते, खिलौने मन बनाते भी हैं और मकसद गढ़ने वाले भी होते हैं.''
- ''हमारे देश में लोकल खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है. कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं. भारत के कुछ क्षेत्र टॉय क्लस्टर्स यानी खिलौनों के केंद्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं.''
- ''ग्लोबल टॉय इंडस्ट्री, 7 लाख करोड़ से भी अधिक की है. 7 लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है. जिस राष्ट्र के पास इतनी विरासत हो, परंपरा हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी चाहिए?''
देश में सितंबर महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा: PM
पीएम मोदी ने कहा, ''हमारे यहां के बच्चे, हमारे विद्यार्थी, अपनी पूरी क्षमता दिखा पाएं, अपनी सामर्थ्य दिखा पाएं, इसमें बहुत बड़ी भूमिका न्यूट्रीशन की भी होती है. पूरे देश में सितंबर महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा.'' उन्होंने कहा कि न्यूट्रीशन के इस आंदोलन में लोगों की भागीदारी भी बहुत जरूरी है.
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा, ''भारत एक विशाल देश है, खान-पान में ढेर सारी विविधता है. इसीलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि हर क्षेत्र के मौसम, वहां के स्थानीय भोजन और वहां पैदा होने वाले अन्न, फल और सब्जियों के अनुसार एक पोषक, न्यूट्रिएंट रिच, डाइट प्लान बने.''
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)