प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के झुंझुनूं में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान की अहमियत को बताया. साथ ही राज्य सरकारों से अपील की कि वो बालिकाओं को बचाने और लिंगानुपात को बरकरार रखने के लिए एक मुहिम चलाएं. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय पोषण मिशन का शुभारंभ भी किया और 'PM' का नया मतलब सुझाया. उन्होंने कहा कि आज से 'PM' का मतलब पोषण मिशन याद रखना.
झुंझुनूं से 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का विस्तार
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत करते हुए, पीएम ने कहा बेटियां बोझ नहीं, परिवार की आन, बान और शान हैं. उन्होंने कहा कि बालिकाओं के जन्म को रोकने के लिये कई पीढ़ियों ने जो गलती की उससे समाज में असंतुलन पैदा हो गया है, जिसे नई पीढी को ठीक करने की जरूरत है. उन्होंने लोगों को बच्चों को बचाने के लिए पिछली पीढ़ियों की गलती को ठीक करने और उन्हें बालक बालिका, दोनों को समान अहमियत देने के लिए प्रोत्साहित किया.
समाज में पैदा हुआ है असंतुलन: मोदी
उन्होंने कहा कि ये बहुत दुख की बात है कि बेटियों और बालिकाओं को बचाने के लिये अनुरोध करने की जरूरत हो रही है. बालिकाओं को नजरंदाज और मारे जाने के कारण समाज में असंतुलन हो गया है. उन्होंने कहा कि सुधार सिर्फ एक पीढी से नहीं आता है, इसमें समय लगता है, लेकिन हमें बालिकाओं को समान अहमियत देने के लिये तय करना चाहिए. उन्होंने सभी राज्य सरकारों से इसे जनआंदोलन बनाने का आग्रह किया. उन्होंने बेटियों और बालिकाओं को बचाने के लिये सासों से परिवार का नेतृत्व करने का भी आग्रह किया.
हरियाणा में आया है बड़ा सुधार: पीएम
पीएम ने कहा कि दो साल पहले ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान' की शुरूआत हरियाणा से की गई थी, जहां स्थिति खराब थी, लेकिन अब हरियाणा में सुधार आया है. केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि केंद्र ने महिलाओं के कल्याण के लिये कई अहम कदम उठाये हैं. महिलाओं और बच्चों की तस्करी की जांच के लिये संसद में एक ऐतिहासिक विधेयक पेश किया जाएगा. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश में बालिकाओं के लिये चलाई जा रही राजश्री योजना समेत कई योजनाओं के बारे में बताया.
(लड़कियों, वो कौन सी चीज है जो तुम्हें हंसाती है? क्या तुम लड़कियों को लेकर हो रहे भेदभाव पर हंसती हो, पुरुषों के दबदबे वाले समाज पर, महिलाओं को लेकर हो रहे खराब व्यवहार पर या वही घिसी-पिटी 'संस्कारी' सोच पर. इस महिला दिवस पर जुड़िए क्विंट के 'अब नारी हंसेगी' कैंपेन से. खाइए, पीजिए, खिलखिलाइए, मुस्कुराइए, कुल मिलाकर खूब मौज करिए और ऐसी ही हंसती हुई तस्वीरें हमें भेज दीजिए buriladki@thequint.com पर.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)