भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित किसान संवाद में पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि ट्रांसफर करते हुए किसानों के आंदोलन पर भी अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “मैं आपको फिर ध्यान दिलाना चाहता हूं कि इन कानूनों को लागू हुए कई महीने बीत गए हैं, क्या आपने देश के किसी एक भी कोने में एक भी मंडी बंद होने की खबर सुनी है? ये कृषि सुधारों और नए कृषि सुधार कानूनों के बाद भी हुआ है.”
पीएम मोदी ने दिल्ली की सरहदों पर आंदोलन कर रहे किसानों के बारे में कहा, ये जितने लोग आंदोलन चला रहे हैं न ये पिछली सरकार के हिस्सेदार थे, जब इनका वक्त था तो चुप बैठे थे. यही लोग स्वामीनाथन की रिपोर्ट पर सालों बैठे रहे. हम जब सत्ता में आए तो हमने निकलवाया.
पीएम मोदी ने आंदोलन को लेकर कहा-
ये जो आंदोलन चल रहा है इसमें कई सच्चे और निर्दोष किसान भी हैं. ऐसा नहीं है कि सब राजनीतिक विचारधारा वाले नेता हैं. बाकी तो भोले भाले किसान हैं, उनको जाकर सीक्रेटली पूछोगे कि भाई आपको कितनी जमीन है, क्या पैदा करते हो, इस बार बेचा या नहीं बेचा, तो वो भी बताएगा कि एमएसपी में बेचकर आया है. और जब एमएसपी में खरीदी चल रही थी न तब उन्होंने आंदोलन को ठंडा कर दिया था. क्योंकि उनको मालूम था अभी किसान मंडी में जाकर माल बेच रहा है. वो सब बिक्री हो गई, काम हो गया फिर उन्होंने आंदोलन शुरू किया.
‘आंदोलन करने वाले किसान मुद्दे से भटक गए’
पीएम मोदी ने आगे कहा, “जब आंदोलन शुरू हुआ तो उनकी मांग थी कि MSP की गारंटी होनी चाहिए. अब ये आंदोलन भटक गया है, लेकिन अब कुछ लोगों ने इसे राजनीति शुरू कर दी है. अब हिंसा के आरोपी लोगों को जेल से छुड़ाने की मांग कर रहे हैं, सालों से चली आ रही व्यवस्था से दिक्कत है, अब कहते हैं टोल टैक्स नहीं होगा. किसान का मुद्दा छोड़कर दूसरे काम में लग गए हैं.”
विपक्ष पर हमला
पीएम मोदी ने कहा, “कुछ राजनीतिक दल जिन्हें देश की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से नकार दिया है, वो आज कुछ किसानों को गुमराह करके जो कुछ भी कर रहे हैं, उन सभी को बार-बार नम्रता पूर्वक सरकार की तरफ से अनेक प्रयासों के बावजूद भी किसी न किसी राजनीतिक कारण से ये चर्चा नहीं होने दे रहे हैं.
आखिर में पीएम मोदी ने कहा, “किसानों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के कारण, हम खुले मन के साथ उनके सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं. हमारी सरकार उन लोगों से बात करने के लिए तैयार है, जब तक कि चर्चा तथ्यों पर आधारित हो.”
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