अंकों के बारे में नहीं सोचना चाहिए, सिर्फ मेहनत करनी चाहिएः पीएम
11वीं के छात्र गिरीश सिंह ने सवाल किया कि अगले साल मेरी (12वीं) और आपकी (लोकसभा चुनाव) दोनों की बोर्ड परीक्षा है? क्या आप इसे लेकर नर्वस हैं?
इस पर पीएम मोदी ने कहा कि अंकों के बारे में नहीं सोचना चाहिए, सिर्फ पढ़ाई पर मेहनत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सिर्फ अपना काम करना चाहिए. रिजल्ट की चिंता नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं राजनीति में भी मैं इसी सिद्धांत पर चलता हूं कि सिर्फ देशवासियों के लिए काम करता रहूं. समय का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण देशवासियों के लिए लगाता रहूंगा. चुनाव तो आते-जाते रहेंगे, मेरा उद्देश्य सिर्फ देश सेवा है.
शिष्य की उपलब्धि पर गुरू को होती है खुशीः पीएम
शिलॉन्ग के एक छात्र कुशाग्र ने सवाल किया कि परीक्षा के दौरान आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए आप शिक्षकों को क्या सलाह देना चाहेंगे?
इस पर पीएम मोदी ने कहा, ‘गुरु अपने शिष्य के लिए जीवन खपा देते हैं और शिष्य की उपलब्धि पर ही उन्हें खुशी होती है. हमारे समाज में शिक्षकों को पहले परिवार के सदस्यों की तरह माना जाता था, आज हमें इस भावना को फिर से जगाने की आवश्यकता है.’
पीएम मोदी ने कहा कि समय को खराब करने का मतलब होता है कि आपको प्राथमिकता का पता नहीं है. उन्होंने कहा, ‘आपको पता होना चाहिए कि हमारा भला किन चीजों में है और हमें क्या करना चाहिए.’
जो अनुकूल हो वही योग करिएः पीएम
दिल्ली की छात्रा दीपशी ग्रोवर ने सवाल किया कि परीक्षा के दौरान योग कैसे मदद कर सकता है? इस पर पीएम मोदी ने कहा, “आपको जो भी योगासन अच्छा लगता हैं आप वही आसन कीजिये, उसी से आपके अंदर ऊर्जा का संचार होगा और ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलेगी.”
पीएम ने कहा कि नींद बहुत जरूरी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप सोते ही रहें. मुझे बिस्तर पर जाने के बाद सोने में 30 सेकंड से ज्यादा नहीं लगता. आप भी अपनी नींद को वेरिफाइ करिए.
हर वक्त करियर, परीक्षा का टेंशन ठीक नहींः पीएम
मध्य प्रदेश की एक छात्रा ने सवाल किया कि परीक्षा के समय बाकी जगहों पर ध्यान बंटने से कैसे बचा जाए? फोन से कैसे बचा जाए?
पीएम मोदी ने कहा कि फोकस करने के लिए डीफोकस होना भी जरूरी होता है. उन्होंने कहा, ‘ ‘अगर आपको किसी बर्तन में दूध भरना है तो पहले बर्तन खाली करना होगा. 24 घंटे परीक्षा, भविष्य के बारे में सोचने से काम नहीं चलता. इन शब्दों के बाहर भी दुनिया है. शास्त्रों में पंचमहाभूतों की चर्चा है. मनुष्य की रचना ऐसी है कि जब वह पंच महाभूत के संपर्क में आता है तो नई ऊर्जा आ जाती है.’
पीएम ने कहा परीक्षा के दिनों में स्ट्रेस से बचने के लिए कुछ टाइम निकाल कर वो करें, जो आपको आनंद देता है. उन्होंने कहा कि अगर आपको किसी से मिलना या बात करना अच्छा लगता है तो करें. क्योंकि डीफोकस हुए बिना आप फोकस नहीं कर सकते हैं.
बेटे की उपलब्धि को सोशल स्टेटस मत बनाइएः पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि परिवार में एक खुला वातावरण होना जरूरी है. बेटा-बेटी जब 18 साल के हो जाएं तो उन्हें मित्र मानना चाहिए.
पीएम ने पेरेंट्स से भी कहा कि वह बच्चों की उपलब्धि को सोशल स्टेटस न बनाएं. किसी और की कथा सुनकर अपने बच्चों को बेकार न कहें. क्योंकि हर व्यक्ति की अपनी खासियत होती है. पीएम ने कहा कि अंक या एग्जाम जिंदगी नहीं होते.