प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल टेक्नोलॉजी की तारीफ करते हुए कहा कि ये सबको समानता पर लाने की ताकत रखती है. इस टेक्नोलॉजी ने सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने, प्रशासन में सुधार और शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक के क्षेत्र में कारगर मदद की है. पीएम मोदी, साइबर स्पेस सम्मलेन में शामिल देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर पीएम मोदी ने मोबाइल ऐप 'उमंग' भी लॉन्च किया.
‘साइबर सुरक्षा पर देना होगा ध्यान’
पीएम ने इस मौके पर कहा, "सरकार डिजिटल पहुंच के माध्यम से लोगों का सशक्तीकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने साइबर स्पेस में सभी की हिस्सेदारी आसान की है. स्टूडियो में बैठे एक्सपर्ट्स के अनुभव अब सोशल मीडिया पर दिखाई देते हैं. विशेषज्ञता और अनुभव का मिलन, बदलाव के इस दौर में दुनिया भर के लिये जरुरी है ताकि साइबर सुरक्षा के विषय से विश्वास और संकल्प के साथ निपटा जा सके."
भारत में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इंटरनेट के जरिए होने वाले फर्जीवाड़ों की वजह से लोग रातों रात अपनी जमापूंजी गंवा देते हैं. पीएम ने सम्मेलन में शामिल हुए 120 देशों के प्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर दिलाते हुए कहा,
हमें ये सुनिश्चित करने की जरुरत है कि समाज के असुरक्षित समुदाय के लोग साइबर अपराधों की कुटिल साजिश में नहीं फंसें. साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्कता जरुरी है और इसे हमें अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए.
इस मौके पर पीएम ने स्टार्टअप पर भी खुलकर चर्चा की. पीएम ने कहा, "मुझे विश्वास है कि भारतीय स्टार्टअप के जरिए से साइबर टेक्नोलॉजी सभी के लिये समान पहुंच और मौके उपलब्ध कराएगी."
पीएम ने सरकार की आधार योजना का जिक्र करते हुए तकनीक के फायदे गिनाए. उन्होंने कहा, "आधार की मदद से सब्सिडी को लक्षित लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचाने से दस अरब डॉलर की राशि बचाने में मदद मिली."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साइबर सम्मेलन में जन-धन बैंक अकाउंट, आधार प्लेटफार्म और मोबाइल मीडिया पर जोर दिया और कहा कि इससे भ्रष्टाचार को कम कर पारदर्शिता लाने में मदद मिल रही है.
साइबर हमले को बड़ा खतरा करार देते हुए पीएम ने कहा कि डिजिटल स्पेस का इस्तेमाल आतंकवाद के लिये नहीं किया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि देशों को इस बात की जिम्मेदारी लेना सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल स्पेस आतंकवाद और कट्टरपंथ का मैदान न बनने पाए.
दो दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में 33 देशों समेत भारत के सभी राज्यों के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री भी हिस्सा ले रहे हैं. इसमें मुख्य रूप से साइबर फॉर डिजिटल इन्क्लूजन, साइबर फॉर इन्क्लूसिव ग्रोथ, साइबर फॉर सिक्योरिटी और साइबर फॉर डिप्लोमेसी पर चर्चा की जाएगी.
(इनपुट- भाषा)
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