प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश पर आई तमाम चुनौतियों का जिक्र किया.पीएम ने कहा कि इस वक्त हमारा देश कोरोना, भूकंप, तूफान और बाढ जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है, लेकिन हम इससे हारेंगे नहीं बल्कि और मजबूत बनकर इसस लड़ेंगे.
कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है, भारत भी लड़ रहा है, लेकिन अन्य तरह के संकट भी निरंतर खड़े हो रहे हैं. कहीं बाढ़ की चुनौती, कहीं टिड्डी का कहर, कहीं ओलावृष्टि, असम की ऑयल फील्ड में आग, लगातार छोटे-छोटे भूकंप की खबरें.पीएम मोदी
पीएम ने एक बार आत्मनिर्भर भारत का मंत्र देते हुए कहा-
आपदा के वक्त भी हमें भारत को आत्मनिर्भर बनाना है, आत्मनिर्भर भारत का सीधा मतलब है कि देश दूसरे देशों पर निर्भरता कम करें. वो हर चीज जिसकी हमें जरूरत है, वो हमारे देश में ही बने उससे लिए हमें तेजी से काम करना है. हर देशवासी अब इस संकल्प से भी भरा हुआ है कि इस आपदा को अवसर में परिवर्तित करना है, इसे हमें देश का बहुत बड़ा टर्निंग पॉइंट भी बनाना है. ये टर्निंग पॉइंट क्या है?आत्म निर्भर भारत, आत्मनिर्भरता का ये भाव बरसों से हर भारतीय ने एक आकांक्षा की तरह जिया है.
पीएम ने कहा कि कभी समय भी हमें परखता है, हमारी परीक्षा लेता है, कई बार अनेक कठिनाइयां, अनेक कसौटियां एक साथ आती हैं, लेकिन हमने ये भी अनुभव किया है कि इस तरह की कसौटी में हमारा कृतित्व, उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी लेकर आता है. हमारे यहां कहा जाता है- मन के हारे हार, मन के जीते जीत. यानि हमारी संकल्पशक्ति, हमारी इच्छाशक्ति ही हमारा आगे का मार्ग तय करती है, जो पहले ही हार मान लेता है उसके सामने नए अवसर कम ही आते हैं.
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