पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल की खुदकुशी पर मचे सियासी बवाल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में पत्रकारों से मुलाकात की, मौका था बीजेपी के दिवाली मंगल मिलन का. ये लगातार तीसरा मौका था जब पीएम मोदी बीजेपी हेडक्वार्टर में देश के नामी संपादकों और पत्रकारों से मिले. सवाल-जवाब का मौका था नहीं लिहाजा खबरनवीसों के हिस्से दिवाली की शुभकामनाएं और पीएम से हल्की-फुल्की बातें ही आ पाईं.
मायूस हुए सेल्फी के इच्छुक
खास बात ये रही कि समारोह में हर साल की तरह प्रधानमंत्री मोदी संग सेल्फी की हसरत लेकर पहुंचे कई पत्रकारों को मायूस लौटना पड़ा. दरअसल पिछले दो सालों के दौरान इस मौके पर हुई “सेल्फी सर्कस’’और हंगामे से सबक लेकर इस बार पार्टी ने पुख्ता इंतजाम किए थे.
खुले मैदान में कुर्सियां लगाने के बजाए ग्राउंड को दो हिस्सों में बांट दिया गया. मैदान के दोनों तरफ और बीच में गैलरियां बनाईं गईं, प्रधानमंत्री इन्हीं गैलरियों में चलते हुए पत्रकारों से मिले. उनसे हाथ मिलाया, हालचाल पूछा और शुभकामनाएं दीं, हालांकि इस इंतजाम के बीच भी कुछ रणबांकुरों ने सेल्फी ले ही डाली.
मीडिया की तारीफ
मीडिया मेहमान था और पार्टी मेजबान. लिहाजा मौके की नजाकत समझते हुए मंच से दिए अपने संक्षिप्त भाषण में पीएम मोदी ने मीडिया की तारीफ की. उन्होंने कहा कि बढ़िया मीडिया कवरेज की वजह से ही स्वच्छता अभियान जैसे मुद्दों पर जागरुकता बढ़ी. पीएम ने कहा कि सकारात्मक सोच बढ़ाने में भी मीडिया का रोल अहम रहा.
पीएम मोदी ने कहा
हमारे देश में ज्यादातर सरकार के फैसलों की चर्चा होती है. बहुत से ऐसे काम होते हैं जो कि जनता की शक्ति पर संभव होते हैं. मेरा इन कामों में अनुभव यह है कि खासकर के लिए मीडिया ने बहुत बढ़-चढ़कर के इसको आगे बढ़ाया है और इसकी मदद की. देश में सकारात्मक सोच बढ़ाने में मीडिया ने अहम भूमिका निभाई है.
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर, वित्तमंत्री अरुण जेटली, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई दूसरे मंत्री और नेता मौजूद थे.
पीएम का सियासी एजेंडा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24x7 पॉलिटीशियन हैं. मौका कितना भी हल्का फुल्का क्यों न हों उनके पास सियासी एजेंडा हमेशा रहता है. दिवाली मिलन के मौके पर पीएम ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने की बात दोहराई.
लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हों इस पर चर्चा होनी चाहिए. सरकार थोप तो नहीं सकती लेकिन सियासी दल इस तरह की चर्चाओं को बल दें.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
हालांकि प्रधानमंत्री पहले भी कई बार ये मुद्दा उठा चुके हैं. सियासी दलों ने अपने पत्ते ज्यादा नहीं खोले हैं और चुनाव आयोग भी इस मुद्दे पर और चर्चा की बात कह चुका है.
सर्जिकल स्ट्राइक रहेगी जिंदा
सर्जिकल स्ट्राइक पर सीधी बात कोई नहीं हुई लेकिन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की मंच पर मौजूदगी काफी कुछ कह रही थी. पीएम मोदी ने इस पर कुछ नहीं बोला लेकिन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने साफ कहा कि
प्रधानमंत्री ने दिवाली जवानों के साथ मनाई जिससे हमें जनता का जज्बा सीमा पर तैनात जवानों तक पहुंचाने में कामयाबी मिली.
शाह ने नए साल की बधाई के साथ कहा कि
जवानों ने जो सरहद की रक्षा की उसमें आने वाले साल में और दृढ़ता आए.
हंसी-मजाक के लम्हे
मंच पर भाषण खत्म हुए तो नेताओं-पत्रकारों में हंसी ठिठौली का दौर चला. वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की तरफ इशारा करते हुए कहा-
हमारा और इनका कुलदेवता एक ही है. तो बगल में खड़े अमित शाह ने चुटकी ली.
शाह ने राजदीप से कहा-
तुम्हें ये सब बातें (कुलदेवता वाली) समझ में आती हैं?
इस पर वहां मौजूद तमाम लोगों ने जोरदार ठहाका लगाया.
प्रधानमंत्री के जाने के बाद –पान का दौर चला. चाट-पकौड़ी और छोले-कुलचे के चटखारों के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली पत्रकारों को वन रैंक, वन पेंशन की बारीकियां समझाते नजर आए.
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