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अब रूस चले पीएम मोदी, विकास को ‘पंख’ लगने की उम्‍मीद

पीएम मोदी 16वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन में शिरकत करने रूस जा रहे हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को मास्को के लिए रवाना हो रहे हैं, जहां वे 16वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. इस यात्रा के दौरान कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं, जिनमें व्यापार से संबंधित समझौते अहम होंगे.

अपनी रूस यात्रा से पहले पीएम मोदी ने यह विश्वास जताया कि उनकी इस यात्रा से आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा. रवाना होने से पहले एक बयान में मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंध और बढ़ सकते हैं. इससे न सिर्फ दोनों देशों को, बल्कि पूरी दुनिया को फायदा होगा. मोदी ने कहा,

आज मैं अपनी रूस यात्रा की शुरुआत करूंगा. सरकार बनाने के बाद यह मेरी पहली द्विपक्षीय यात्रा है. मैं इस यात्रा के नतीजों को लेकर बहुत आशान्वित हूं.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

पीएम मोदी ने कहा कि वे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ विस्‍तार से चर्चा करेंगे और रूसी कारोबारियों के साथ भी बात करके उन्हें भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे. उन्होंने बताया कि वे ‘फ्रेंड्स ऑफ इंडिया’ कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे.

पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास भारत और रूस के बीच दशकों से चले आ रहे करीबी संबंधों का गवाह है. उन्होंने कहा,

रूस दुनिया में भारत के सबसे मूल्यवान मित्रों में से एक बना हुआ है. मेरी यात्रा भारत और रूस के बीच आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग को प्रागाढ़ करेगी. हम विज्ञान व तकनीक, खनन और अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाना चाहते हैं.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

पीएम मोदी ने ट्वीट करके भारत-रूस के बीच बेहतर संबंधों का जिक्र किया. मोदी ने बताया कि इस यात्रा को लेकर वे काफी आशावान हैं.

तब वाजपेयी के साथ रूस गए थे मोदी

मोदी ने साल 2001 का वह समय याद किया, जब उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला ही था. उस समय वे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ रूस गए थे.

मोदी ने उस यात्रा के बारे में कहा, ‘‘वह शायद भारत और रूस के पहले सालाना शिखर सम्मेलनों में से एक था. यह सिलसिला आज भी जारी है.’’ 

इससे पहले, विदेश सचिव एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा,

यात्रा की शुरुआत 23 दिसंबर को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से मोदी को एक निजी भोज के साथ होगी. शिखर सम्मेलन 24 दिसंबर को होगा.
एस. जयशंकर, विदेश सचिव

नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन क्रेमलिन में भारत और रूस की कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ वार्ता भी करेंगे. इस दौरान निवेश से जुड़े कुछ बड़े फैसले किए जा सकते हैं.

विदेश सचिव ने कहा,

उसके बाद मोदी मास्को में एक्सपो सेंटर में भारत के मित्रों और भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे.
एस. जयशंकर, विदेश सचिव

अब रूस दौरे पर देशवासियों की नजर बहरहाल, भारत विकास और कूटनीति के लिहाज से अहम दुनिया के कई देशों से बेहतर तालमेल बिठाने की कवायद में लगातार जुटा हुआ है. इस लिहाज से पीएम मोदी की रूस यात्रा से भी भारत को काफी उम्‍मीदे हैं.

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