सियाचिन ग्लेशियर में आए एवलांच के बाद छह दिनों तक बर्फ में दबे रहने के बाद चमत्कारिक रुप से जिंदा निकले लांस नायक हनुमनथप्पा की हालत फिलहाल नाजुक बताई जा रही है. हनुमनथप्पा को इलाज के लिए दिल्ली के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस जाबांज सिपाही का हाल जानने अस्पताल पहुंचे. उन्होंने कहा कि हनुमनथप्पा बहादुर सैनिक हैं जिनके अदम्य साहस और धैर्य को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ लांस नायक हनुमनथप्पा के अदम्य साहस और धैर्य को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.‘’
उन्होंने कहा, ‘‘ डाक्टरों का दल लांस नायक हनुमनथप्पा का उपचार कर रहा है. हम सभी उम्मीद करते हैं और अच्छे के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. ‘’
सेना के सूत्रों ने कहा कि लांस नायक हनुमनथप्पा की हालत नाजुक लेकिन स्थिर है और अस्पताल में उनकी हालत सुधारने के लिए टेस्ट हो रहे हैं.
पीएम मोदी भी लांस नायक का हाल जानने रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पीटल पहुंचे. उन्होंने डॉक्टरों से बात कर हनुमनथप्पा के स्वास्थ की पूरी जानकारी ली.
इससे पहले बर्फ से निकाले जाने के बाद उन्हें सियाचिन ग्लेशियर स्थित सेना के आधार शिविर में लाया गया था और वहां से उन्हें एक विशेष एयर एंबुलेंस के जरिए दिल्ली लाया गया.
पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19,600 फुट की उंचाई पर स्थित चौकी के एवलांच की चपेट में आ जाने के बाद मूल रुप से कर्नाटक के निवासी हनुमनथप्पा छह दिन तक 25 फुट मोटी बर्फ के नीचे दबे रहेे. बचाव दल के प्रयासों के बाद उन्हें सोमवार को बाहर निकाला जा सका. वहां पर तापमान शून्य से 45 डिग्री नीचे था.
एवलांच में मद्रास रेजिमेंट के एक जूनियर कमिशन अधिकारी समेत नौ लोगों की दुखद मौत हुई है. अब तक पांच शव निकाले गए हैं जिनमें से चार की पहचान कर ली गई है.
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