पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक घोटाले में मुंबई की एक अदालत ने एचडीआईएल के प्रमोटर्स राकेश वाधवान और उनके बेटे सारंग वाधवान की हिरासत बढ़ा दी है. मंगलवार 22 अक्टूबर को 4355 करोड़ रुपये के पीएमसी बैंक घोटाले में अदालत ने पिता-पुत्र को 24 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया.
ईडी ने मंगलवार को मुंबई की विशेष पीएमएलए कोर्ट में हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के प्रमोटर्स राकेश और सारंग को पेश किया. मंगलवार को ही दोनों की रिमांड खत्म हुई थी. ईडी ने आगे की जांच के लिए जज पी राजवैद्य से हिरासत बढ़ाने की मांग की.
जांच एजेंसी की वकील कविता पाटिल ने अदालत से कहा कि आरोपियों ने बड़ी मात्रा में मनी लॉन्डरिंग में अहम भूमिका निभाई और कई जरूरी चीजें जांच से छुपाई.
एजेंसी ने कहा कि बैंक से हुए पैसों के लेन-देन और उनसे खरीदी गई संपत्ति का पता लगाना है. इसके बाद अदालत ने दोनों की हिरासत गुरुवार 24 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी.
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इसी महीने दोनों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद ईओडब्ल्यू ने दोनों के खिलाफ पीएमसी बैंक को 4,355.43 करोड़ रुपए का चूना लगाने का केस दर्ज किया था. इस मामले में पीएमसी बैंक के कुछ अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है.
आरोप है कि बैंक प्रबंधन ने वाधवान परिवार के साथ मिलकर एचडीआईएल ग्रुप की कंपनियों के लोन डिफॉल्ट का मामला बैंक रेगुलेटर्स से छुपाया था.
इसके लिए बैंक अधिकारियों ने एचडीआईएल के 44 लोन अकाउंटों की जगह 21,049 काल्पनिक खाते दिखाए थे, ताकि ग्रुप के लोन डिफॉल्ट के मामले को छुपाया जा सके.
ईओडब्ल्यू की एफआईआर के आधार पर ही ईडी ने मनी लॉन्डरिंग ये केस शुरू किया.
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