पीएमसी बैंक में निवेशक संजय गुलाटी की विरोध प्रदर्शन के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई है. संजय गुलाटी पहले जेट एयरवेज में नौकरी करते थे, लेकिन कुछ महीने पहले की उनकी नौकरी चली गई. उन्होंने जो पैसे बचाकर रखे थे उसी से घर का गुजारा हो रहा था, उन्होंने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक में अपने 90 लाख रुपये जमाकर रखे थे.
51 साल के संजय गुलाटी सोमवार को विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे और शाम को जब वो घर लौटे तब हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई.
संजय गुलाटी के परिवारवालों का कहना है कि पीएमसी में उनके 4 खाते थे, जिसमें करीब 90 लाख रुपये जमा थे. उनका एक बेटा बीमार भी रहता है, जिसके लिए पैसों की जरूरत पड़ती थी, लेकिन बैंक से पैसे नहीं निकाल पा रहे थे, जिस वजह से कई दिनों से तनाव में चल रहे थे. सोमवार को भी वो दूसरे लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल होने गए थे और जब लौटने के बाद उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई.
पीएमसी बैंक ने एचडीआईएल को 6500 करोड़ रुपये का कर्ज दे दिया था. जबकि बैंक का कुल एसेट ही 8800 करोड़ रुपये का है. यानी कंपनी को बैंक की पूरी संपत्ति की 73 फीसदी रकम कर्ज के तौर पर मिल गई थी. यह रकम कर्ज देने की सीमा से चार गुना अधिक थी. ऐसे हालात में बैंक की हालत खराब हो गई.
आरबीआई ने डिपॉजिटरों के पैसे निकालने की लिमिट तय कर दी. बैंक के हर खाते से निकासी की सीमा 1,000 रुपये तय की गई, जिसे बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया. इसके बाद यह सीमा 25 हजार कर दी गई और अब यह लिमिट 40 हजार रुपये हो गई है.
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साल 1984 में शुरू हुए पीएमसी बैंक की देशभर में 137 ब्रांच हैं, जिसमें ग्राहकों का 11000 करोड़ से ज्यादा रुपया जमा है. बैंक की एनवल रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में बैंक का प्रॉफिट 1.2 फीसदी गिरकर 99.69 करोड़ पर आ गया. जबकि इसका एनपीए 1.05 फीसदी से डबल होकर 2.19 फीसदी पर पहुंच गया.
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