प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से RTI याचिकाकर्ताओं को स्टैंडर्ड जवाब मिलता है- 'PM CARES (प्रधानमंत्री सिटीजन अस्सिटेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन) फंड एक पब्लिक अथॉरिटी नहीं है.
क्विंट ने अपनी पहले की रिपोर्ट्स में कई वजहें बता कर साफ किया था कि PM CARES पब्लिक अथॉरिटी के लिए योग्य है और इसलिए RTI के तहत जवाबदेह होना चाहिए.
PM CARES के पब्लिक अथॉरिटी होने की एक वजह है इसका gov.in डोमेन नाम इस्तेमाल करना. सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, ये डोमेन सिर्फ पब्लिक अथॉरिटीज या सरकारी विभाग या मंत्रालयों को दिए जाते हैं. तो फिर PM CARES को ये डोमेन कैसे मिला, अगर ये पब्लिक अथॉरिटी नहीं है.
क्योंकि पीएमओ ने RTI के तहत जानकारी देने से मना कर दिया, इसलिए RTI याचिकाकर्ताओं ने दूसरे सरकारी विभागों और मंत्रालयों में याचिका दी थीं. लेकिन पीएमओ ने विभागों को जानकारी देने से रोक दिया है.
RTI एक्टिविस्ट नीरज शर्मा ने PM CARES पर कुछ आसान सवालों के लिए नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर (NIC) में याचिका दी.
- pmcares.gov.in के डेवलपमेंट, डिजाइन, होस्टिंग, डोमेन रजिस्ट्रेशन जैसे कामों में इस्तेमाल आए कुल पैसे की जानकारी दीजिए.
- pmcares.gov.in डोमेन के रजिस्ट्रेशन और होस्टिंग के लिए पीएमओ या भारत सरकार के किसी विभाग से आए निर्देश की सर्टिफाइड कॉपी मुहैया कराएं.
पहले सवाल के जवाब में NIC ने कहा 'इन-हाउस डेवलप' किया गया, लेकिन दूसरे सवाल का जवाब नहीं देते हुए लिखा- ‘PM CARES पब्लिक अथॉरिटी नहीं है.'
शर्मा ने इसी RTI पर पहली अपील दाखिल की. इस बार उन्हें NIC से लंबा जवाब मिला. RTI के जवाब में कहा गया,
“पीएमओ से मिले सभी कम्युनिकेशन या निर्देश या डॉक्युमेंट्स से संबंधित जानकारी को थर्ड पार्टी जानकारी समझा गया... RTI कानून के तहत NIC के RTI डिवीजन ने पीएमओ से मंजूरी/नो ऑब्जेक्शन लिया. इन सभी मामलों में PM CARES फंड से जुड़ी RTI याचिकाओं पर पीएमओ से ये निर्देश मिला है: RTI कानून 2005 के सेक्शन 2(h) के तहत PM CARES फंड पब्लिक अथॉरिटी नहीं है. इसलिए मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी PM CARES फंड के संबंध में कोई जानकारी नहीं देगी.”
दूसरे शब्दों में पीएमओ ने RTI के तहत जानकारी देने से NIC को रोक दिया.
शर्मा ने एक और RTI डाली और NIC के पीएमओ को लिखे थर्ड पार्टी नोटिस लेटर और पीएमओ के जवाब की सर्टिफाइड कॉपी मांगी.
जवाब में शर्मा को NIC का पीएमओ को लेटर मिला, जिसमें कहा गया,
“RTI कानून 2005 के सेक्शन 11 के तहत NIC के चीफ पब्लिक इंफॉर्मेशन अफसर (CPIO) पीएमओ ऑफिस से निवेदन कर रहे हैं कि आप लिखित में बताएं कि जानकारी देनी है या नहीं. ऐसा निवेदन है कि जवाब ये नोटिस आपके ऑफिस को मिलने के दस दिनों के अंदर दे दिया जाए.”
जवाब में पीएमओ ने कहा,
“RTI कानून 2005 के सेक्शन 2(h) के तहत PM CARES फंड पब्लिक अथॉरिटी नहीं है. इसलिए मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी PM CARES फंड के संबंध में कोई जानकारी नहीं देगी.”
सवाल ये हैं कि-
- जब पीएमओ एक पब्लिक अथॉरिटी है और वो सवालों और रिकॉर्ड्स को संभालता है, तो PM CARES कैसे पब्लिक अथॉरिटी नहीं है?
- PM CARES फंड को GOV.IN डोमेन नाम मिलता है, जो कि पब्लिक अथॉरिटी या सरकारी विभागों को मिलता है, लेकिन फिर भी PM CARES को पब्लिक अथॉरिटी नहीं कहा जाता. क्यों?
- पीएमओ PM CARES के डोमेन नाम को बनाए जाने की बुनियादी जानकारी देने से NIC को क्यों रोक रहा है?
सवाल बहुत हैं, लेकिन जवाब नहीं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)