पंजाब नेशनल बैंक से धोखाधड़ी करने वाले मेहुल चोकसी ने अपने भांजे नीरव मोदी की ही तरह प्रवर्तन निदेशालय को अपने हाथ की सफाई दिखा दी है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पीएनबी फ्रॉड केस की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने मेहुल चोकसी की हैदराबाद स्थित फर्म जेम्स एसईजेड लिमिटेड से जो ज्वेलरी बरामद की थी, उसकी असली कीमत अनुमानित कीमत की महज तीन फीसदी निकली.
रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने चोकसी की कंपनी से फर्म में घोषित कीमत के हिसाब से करीब 3,840 करोड़ रुपये की ज्वेलरी जब्त की थी, लेकिन अब असल मूल्यांकन में इस ज्वेलरी की कीमत सिर्फ कुल 103 करोड़ रुपये निकली है.
सरकार द्वारा अनुमोदित वैल्यूअर ने 130 दुकानों, कारखानों और चोकसी के गीतांजलि ग्रुप के गोदामों से ईडी द्वारा जब्त की गई ज्वेलरी की कीमत 597 करोड़ रुपये लगाई है, जोकि गीतांजलि ग्रुप फर्मों की किताबों में घोषित कीमत 1,280 करोड़ रुपये से 53 फीसदी कम है.
रिकॉर्ड में बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई गई थी कीमत
सूत्रों के मुताबिक, गीतांजलि ग्रुप के रिटेल स्टोर में गोल्ड और डायमंड की ज्वेलरी के स्टॉक वैल्यू में वृद्धि नहीं हुई थी, लेकिन जांच एजेंसी को कारखानों और मुंबई में ग्रुप के सुरक्षित कमरों में रखी गई स्टॉक की ज्यादा से ज्यादा मिली थी.
मिसाल के तौर पर, मुंबई में भारत डायमंड बोर्स में पॉलिश डायमंड और गीतांजलि जेम्स के रत्नों की बुक वैल्यू 450 करोड़ रुपये से ज्यादा दिखाई गई थी, जबकि सरकारी वैल्यूअर ने इनकी कीमत केवल 120 करोड़ रुपये लगाई है. बताया जा रहा है कि चोकसी और उनकी फर्मों ने मौजूदा क्रेडिट सीमाओं के हिसाब से ज्यादा निकासी को बढ़ाने के लिए बैंकों को स्टॉक स्टेटमेंट्स को ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर जमा किया था.
मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी पीएनबी फ्रॉड केस में वांटेड हैं. दोनों पर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिए करीब 13,600 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है.
नीरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने भी रेड कॉर्नर अलर्ट जारी कर दिया है.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)