करीब 11,400 करोड़ रुपये के पीएनबी स्कैम में दूसरे बैंकों की विदेशी शाखाओं के अफसर अब जांच के घेरे में हैं. इलाहाबाद बैंक, एसबीआई, यूनियन बैंक, यूको बैंक और एक्सिस बैंक की हांगकांग स्थित शाखाओं में तैनात अफसरों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है. ये बैंक पिछले सात साल से चले आ रहे फ्रॉड में साझीदार थे.
LOU नियमों की धज्जियां उड़ाई
गाइडलाइंस के मुताबिक जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर के लिए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग यानी LOU का इनकैशमेंट 90 दिनों तक होता है, न कि 365 दिनों तक. जबकि पीएनबी के मामले में इनकैशमेंट 365 दिनों तक के लिए रखी गई थी. इस नियम को तोड़ने की वजह से ही अब हांगकांग स्थित बैंकों की शाखाओं में काम कर रहे अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की गई है.
हांगकांग में 11 भारतीय बैंक अपना ऑपरेशन चलाते हैं. यहां इलाहाबाद बैंक, यूको बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक आईसीआईसीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखाएं मौजूद हैं.
एसबीआई के पंजाब नेशनल बैंक स्कैम में 21.2 करोड़ डॉलर में फंसे हैं. जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के 30 करोड़ और यूको बैंक के 41 करोड़ डॉलर फंसे हैं. इलाहाबाद बैंक के 2000 करोड़ रुपये फंसे हो सकते हैं.
इस बीच, हिरासत में लिए गए इन अधिकारियों ने खुलासा किया है कि हर एक लेटर ऑफ अंडरटेकिंग यानी LoU के लिए बैंक के अधिकारियों को कुछ कमीशन मिलता था. एंग्रिमेंट की राशि जितनी बड़ी होती थी, कमीशन भी उस हिसाब से ही होता था और जो कमीशन आता था, वो बैंक के हर एक अधिकारी के बीच बराबर-बराबर बंटता था. पीएनबी की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस घोटाले में 63 दिनों में ही 143 एलओयू जारी कर दिए गए थे.
स्टाफ के और ज्यादा मेंबर्स को लेकर सीबीआई तेजी से जांच कर रही है, लेकिनन ANI न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तार हुए अधिकारी जांच में मदद नहीं कर रहे हैं.
(इनपुट: पीटीआई)
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(क्विंट और बिटगिविंग ने मिलकर 8 महीने की रेप पीड़ित बच्ची के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है. 28 जनवरी 2018 को बच्ची का रेप किया गया था. उसे हमने छुटकी नाम दिया है. जब घर में कोई नहीं था,तब 28 साल के चचेरे भाई ने ही छुटकी के साथ रेप किया. तीन सर्जरी के बाद छुटकी को एम्स से छुट्टी मिल गई है लेकिन उसे अभी और इलाज की जरूरत है ताकि वो पूरी तरह ठीक हो सके. छुटकी के माता-पिता की आमदनी काफी कम है, साथ ही उन्होंने काम पर जाना भी फिलहाल छोड़ रखा है ताकि उसकी देखभाल कर सकें. आप छुटकी के इलाज के खर्च और उसका आने वाला कल संवारने में मदद कर सकते हैं. आपकी छोटी मदद भी बड़ी समझिए. डोनेशन के लिए यहां क्लिक करें.)
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