झारखंड में तबरेज अंसारी की मौत में पुलिस और डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है. तीन सदस्यों वाली एक जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है. मुस्लिम युवक तरबेज (24) को भीड़ ने कथित तौर पर बेरहमी से पीटा था और ‘जय श्री राम’, ‘ जय हनुमान’ बोलने को मजबूर किया था.
टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दो पुलिस अधिकारियों को इस मामले में निलंबित किया जा चुका है और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस और डॉक्टरों से हुई लापरवाही
टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दो पुलिस अधिकारियों को इस मामले में निलंबित किया जा चुका है और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
‘‘पुलिस और डॉक्टरों की तरफ से लापरवाही हुई है. पुलिस जहां घटनास्थल पर देरी से पहुंची, वहीं डॉक्टर सिर में लगी चोट का पता नहीं लगा पाए.’’अंजनेयुलु डोड्डे, पुलिस उपायुक्त, सरायकेला-खरसावां
पुलिस उपायुक्त तीन सदस्यों वाले प्रशासनिक जांच दल का नेतृत्व कर रहे हैं. डोड्डे की बात का समर्थन करते हुए एक सिविल सर्जन ने कहा कि एक्सरे और पूरे शरीर की जांच होनी चाहिए थी लेकिन यह जांच नहीं की गयी क्योंकि सिर पर चोट के निशान नहीं थे. इस सिविल सर्जन का तबादला इस घटना के बाद खुंटी कर दिया गया था.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पुलिस ने समय पर प्रतिक्रिया नहीं दी थी. रिपोर्ट में कहा गया है-
16-17 जून की दरमियानी रात पुलिस को इस घटना के बारे में जानकारी मिली. लेकिन उन्होंने सुबह छह बजे के बाद कार्रवाई की.
जांच दल ने बताया कि तबरेज अंसारी के विसरे की जांच के लिए उसे रांची में फॉरेसिंक विभाग भेजा गया है ताकि मौत के वास्तविक वजह का पता लग सके.
क्या है पूरा मामला?
झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में 17 जून को अंसारी पर एक भीड़ ने उस समय हमला कर दिया था, जब वह अपने एक रिश्तेदार के यहां से लौट रहा था. उसे चोरी के आरोप में एक खंभे से बांधकर करीब सात घंटे तक मारा-पीटा गया और इसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया गया.
इसके बाद गंभीर रूप से घायल अंसारी को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे जेल भेजे जाने की मंजूरी दे दी. इसके चार दिन बाद जब अंसारी की हालत और खराब हो गई तो उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे ‘मृत लाया हुआ’ बताया गया. अंसारी के सिर पर गंभीर चोटें आई थी.
इस मामले में मुख्य आरोपी पप्पू मंडल समेत 11 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है.
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