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क्रॉस वोटिंग के बाद भी कोविंद का वोट प्रतिशत 1974 के बाद सबसे कम

जानिए अभी तक किसके नाम है सबसे बड़ी जीत 

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भारत
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राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने आसान जीत दर्ज की है. लेकिन आंकडों पर गौर करें तो उनका वोट प्रतिशत साल 1974 से लेकर अबतक सबसे कम रहा है.

कोविंद ने राष्ट्रपति चुनाव में कुल 10,90,300 में से 7,02,044 वोट हासिल किये, वहीं उनकी प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार मीरा कुमार को 3,67,314 मिले. इस हिसाब से निर्वाचित उम्मीदवार को 65.65 प्रतिशत मत मिले. हालांकि जीत का अंतर साल 1974 की तुलना में सबसे कम है.

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जानिए- अबतक चुने गए राष्ट्रपतियों का वोट प्रतिशत

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कोविंद के पूर्ववर्ती प्रणब मुखर्जी को साल 2012 में हुए चुनाव में 69.31 फीसदी वोट मिले थे. साल 2007 में प्रतिभा पाटिल को 65.82 प्रतिशत मिले थे, जो कोविंद की तुलना में थोड़ा ज्यादा था. के आर नारायणन (1997) को 94.97 प्रतिशत और एपीजे अब्दुल कलाम (2002) को 89.57 प्रतिशत वोट मिले थे. राष्ट्रपति चुनाव में केवल साल 1977 में ऐसा मौका आया, जब नीलम संजीव रेड्डी देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर निर्विरोध चुने गये.

ज्ञानी जैल सिंह (1982) को 72.73, आर वेंकटरमण (1987) को 72.28 और शंकर दयाल शर्मा (1992) को 65.87 प्रतिशत मत मिले थे. नारायणन के अलावा केवल दो पूर्व राष्ट्रपतियों राजेंद्र प्रसाद और सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 90 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे. प्रसाद को साल 1957 में 98.99 और सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1962) को 98.24 फीसदी वोट मिले थे.

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क्रॉस वोटिंग से बढ़ा कोविंद की जीत का अंतर

एनडीए के पास मौजूद आंकड़ों को देखते हुए राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद की जीत लगभग तय मानी जा रही थी लेकिन प्रतिद्वंद्वी दलों की क्रॉस वोटिंग ने उनकी जीत के अंतर को बढा दिया. कोविंद के प्रमुख चुनाव प्रबंधक भूपेंद्र यादव ने दावा किया है कि कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के करीब 116 विधायकों ने संभवत: कोविंद के पक्ष में मतदान किया है.

कोविंद को पश्चिम बंगाल में प्रतिद्वंद्वी खेमे के वोट मिले, जहां बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच कड़ा राजनीतिक मुकाबला चल रहा है. कोविंद को यहां से 11 वोट मिले जबकि उसके विधायकों की संख्या महज छह है.

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प.बंगाल के अलावा त्रिपुरा और गुजरात में भी हुई क्रॉस वोटिंग

नव निर्वाचित राष्ट्रपति को वाम मोर्चे के शासन वाले त्रिपुरा में सात विधायकों के वोट मिले जबकि राज्य में पार्टी या एनडीए के किसी भी घटक दल का कोई विधायक नहीं है. इस बात की संभावना है कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस के छह विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया हो.

कांग्रेस के लिए सबसे अधिक चिंताजनक खबर गुजरात से है, जहां इस साल विधानसभा चुनाव होना है. राज्य में कांग्रेस के 57 विधायक हैं लेकिन मीरा कुमार को राज्य में केवल 49 वोट मिले. महाराष्ट्र में एनडीए के 188 उम्मीदवार हैं लेकिन राज्य में कोविंद को 20 वोट ज्यादा मिले. इसके अलावा छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गोवा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली ऐसे राज्य हैं, जहां कोविंद के पक्ष में क्रॉस वोटिंग हुई है.

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