ADVERTISEMENTREMOVE AD

बड़े नोट बंद करने के मामले में PM ने राजन को कर दिया था किनारे

500,1000 रुपये के नोट के विमुद्रीकरण पर गवर्नर रघुराम राजन को पहले ही प्रधानमंत्री,ब्यूरोक्रेट ने किनारा कर दिया था

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

जब सरकार 1000 रुपये के नोट बंद करने का सोच रही थी, उस समय रघुराम राजन रिजर्व बैंक के गवर्नर थे. सेंट्रल बैंक में कार्यरत एक सूत्र ने खास बातचीत में द क्विंट को बताया कि 500 और 1000 रुपये के नोट के विमुद्रीकरण पर तत्कालीन गवर्नर रघुराम राजन को पहले ही पीएम और 2-3 ब्यूरोक्रेट ने किनारा कर दिया था.

सरकार और रघुराम राजन आमने सामने

सूत्रों के मुताबिक ‘दो बड़े मूल्यवर्ग को वापस लेने का काम कुछ महीने पहले ही शुरू हुआ था, तब मोदी सरकार ने रघुराम राजन का कार्यकाल आगे न बढ़ाने का ऐसा कोई भी फैसला नहीं किया था. रघुराम राजन ने जून 2016 में ही यह बता दिया था कि वह गवर्नर के रूप में दूसरा कार्यकाल नहीं संभालेंगे.

बताया जा रहा है कि रघुराम राजन नरेंद्र मोदी के विमुद्रीकरण के फैसले पर सहमत नहीं थे इसलिए हो सकता है सरकार ने उन्हें दोबारा गवर्नर बनाने में कोई रूचि नहीं दिखाई.

द क्विंट ने रघुराम राजन को कुछ सवाल ईमेल के जरिये भेज हैं, लेकिन स्टोरी लिखे जाने तक उनका कोई जवाब नहीं आया है.

5-6 महीने पहले शुरू हुई नोट की प्रिंटिंग

राजन सरकार के इस कदम से सहमत नहीं थे, लेकिन सरकार किसी भी तरह विमुद्रीकरण मामले को पूरा करने पर जुट गई थी. और तो और सरकार ने नरेंद्र मोदी के इस कदम पर राजन की असहमति की बात को भी सामने नहीं आने दिया.

रघुराम राजन के गवर्नर पद से इस्तीफे के बाद यह सारा मामला फास्ट ट्रैक तरीके से किया गया. 11 नवम्बर को बाजार में जो नया नोट आएगा उस पर नए गवर्नर उर्जित पटेल का हस्ताक्षर भी देखा जा सकता है.

नतीजतन, 5-6 महीने पहले ही नए नोट की छपाई शुरू हो गई थी. राजन भी सरकार के इस फैसले के बीच में नहीं आए. प्रधानमंत्री और सीनियर ब्यूरोक्रेट 500 और 2000 रुपये के नए नोट के छपाई को लेकर आगे बढ़ते गए.

सूत्रों के मुताबिक, नए सुरक्षा फीचर्स के साथ नए नोट के प्रिंटिंग सालबोनी (पश्चिम मिदनापुर ), नाशिक और मैसूर मिन्ट्स में हुए हैं. और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और देश के सभी बैंक पुराने नोट को बदल कर नए नोट के लिए पूरी तरह से तयार हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×