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दिल्लीः बंगला साहिब पहुंचे प्रिंस चार्ल्स, लंगर में सेंकी रोटियां

चक्रवाती तूफानों से निपटने के मौसम विभाग के सिस्टम को देखने पहुंचे प्रिंस चार्ल्स

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ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स बुधवार को राजधानी दिल्ली में स्थित बंगला साहिब गुरुद्वारा पहुंचे. यहां उन्होंने मत्था टेका और लंगर में सेवा के तौर पर रोटियां भी सेकीं. इसके बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने उन्हें एक 'कृपाण' भी भेंट किया.

गुरुद्वारे में उन्होंने 'सेवा' भी की. प्रिंस चार्ल्स ने गुरुद्वारे के 'लंगर' में रोटियां सेकने में मदद की और वहां मौजूद श्रद्धालुओं के साथ बातचीत भी की. बता दें, प्रिंस चार्ल्स दो दिन के भारत दौरे पर हैं.

इस यात्रा का उद्देश्य ब्रिटेन-भारत के संबंधों को बेहतर बनाना और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों पर संयुक्त रूप से प्रयास करना है.

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चक्रवाती तूफानों से निपटने के मौसम विभाग के सिस्टम को देखने पहुंचे प्रिंस चार्ल्स
गुरुद्वारा बंगला साहिब में प्रार्थना करते प्रिंस चार्ल्स
(फोटोः PTI)
चक्रवाती तूफानों से निपटने के मौसम विभाग के सिस्टम को देखने पहुंचे प्रिंस चार्ल्स
दिल्ली स्थित गुरुद्वारा बंगला साहिब में प्रिंस चार्ल्स
(फोटोः PTI)
चक्रवाती तूफानों से निपटने के मौसम विभाग के सिस्टम को देखने पहुंचे प्रिंस चार्ल्स

मौसम विभाग भी पहुंचे प्रिंस चार्ल्स

ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स ने मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का भी दौरा किया, जहां उन्हें मौसम को लेकर पूर्वानुमान आधारित चेतावनी व्यवस्था और चक्रवातों की भविष्यवाणी के बारे में बताया गया.

चक्रवाती तूफानों से निपटने के मौसम विभाग के सिस्टम को देखने पहुंचे प्रिंस चार्ल्स
IMD दफ्तर में प्रिंस चार्ल्स
(फोटोः PTI)

IMD डायरेक्टर मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि प्रिंस चार्ल्स करीब 45 मिनट तक नेशनल वेदर फोरकास्टिंग सेंटर में रहे, जहां से साइक्लोन्स पर नजर रखी जाती है. इस दौरान उन्हें बताया कि कैसे रडार, सेटैलाइट और डॉप्लर रडार का इस्तेमाल करके किसी साइक्लोन के बारे में पूर्वानुमान लगाया जाता है.

चक्रवाती तूफानों से निपटने के मौसम विभाग के सिस्टम को देखने पहुंचे प्रिंस चार्ल्स
IMD दफ्तर में जानकारी लेते प्रिंस चार्ल्स
(फोटोः PTI)

मोहापात्रा ने कहा कि प्रिंस चार्ल्स के साथ आए लोगों ने चक्रवात 'बुलबुल' के बारे में भी पूछा, जिसने इस सप्ताह की शुरुआत में पश्चिम बंगाल को प्रभावित किया था.

IMD के डायरेक्टर ने बताया, ‘हमने उन लोगों को ये भी बताया कि IMD पड़ोसी देशों को भी मौसम से संबंधित खतरों के बारे में आगाह करता है.’

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