पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ एक छात्रा के आरोपों पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बीजेपी को निशाने पर लिया है. प्रियंका ने इस मामले पर ट्वीट कर कहा है, ''उत्तर प्रदेश में एक दिन भी ऐसा नहीं बीतता जिस दिन बीजेपी सरकार महिलाओं को ये भरोसा दिलाने में कामयाब हो कि आप सुरक्षित हैं और अगर आपके साथ कोई घटना घटती है तो आपको न्याय मिलेगा.''
आरोप लगाने वाली लड़की के लापता होने को लेकर प्रियंका ने लिखा है-
‘’आवाज उठाने वाली लड़की लापता है या कर दी गई है? उसके साथ क्या हो रहा है कोई नहीं जानता. आखिर ये कब तक चलेगा? उत्तर प्रदेश में ये उन्नाव मामले जैसा ही दोहराव लग रहा है. अगर कोई महिला बीजेपी नेता के खिलाफ शिकायत करती है, तो उसको न्याय मिलना तो दूर की बात, उसकी खुद की सुरक्षा की भी गारंटी नहीं रहती.’’प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव
क्या है मामला?
24 अगस्त से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में शाहजहांपुर के एसएस लॉ कॉलेज की एक छात्रा ने चिन्मयानंद पर उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद की है. बता दें कि आरोप लगाने वाली लड़की जिस एसएस लॉ कॉलेज की छात्रा है, चिन्मयानंद उसके डायरेक्टर हैं.
छात्रा ने वीडियो में कहा था
मैं (अपना नाम बताते हुए) शाहजहांपुर से हूं और एसएस कॉलेज से एलएलएम की पढ़ाई कर रही हूं. संत समाज का एक बड़ा नेता, जिसने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद की है, मुझे जान से मारने की धमकी दे रहा है. मेरे पास उसके खिलाफ पूरे सबूत हैं. मैं मोदी जी और योगी जी से मेरी मदद करने की गुजारिश करती हूं. उसने मेरे परिवार को भी जान से मारने की धमकी दी है. सिर्फ मुझे मालूम है कि क्या चल रहा है. मोदी जी, प्लीज मेरी मदद कीजिए, वो एक सन्यासी है और धमकी दे रहा है कि पुलिस, डीएम और बाकी सब उसकी तरफ हैं. मैं आप सभी से इंसाफ की गुजारिश करती हैं.’आरोप लगाने वाली छात्रा
यह वीडियो सामने आने के बाद से ही आरोप लगाने वाली छात्रा लापता है. छात्रा के पिता का आरोप है कि उसे स्वामी चिन्मयानंद ने ही अगवा कराया है. अब पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर छात्रा के अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
हालांकि चिन्मयानंद के वकील ने छात्रा के पिता के आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि यह चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने की साजिश है. दरअसल इस मामले में चिन्मयानंद के पक्ष का दावा है कि 22 अगस्त को चिन्मयानंद के वॉट्सएप नंबर पर एक मैसेज आया था, जिसमें उनसे 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी. चिन्मयानंद का पक्ष इसी मैसेज के आधार पर ब्लैकमेल किए जाने के आरोप लगा रहा है.
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