उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने कमान प्रियंका गांधी को थमा दी है. इस कदम का साफ मतलब है कि यूपी में एसपी-बीएसपी गठबंधन के बाद कांग्रेस पिछलग्गू बनकर चुनाव नहीं लड़ने जा रही है. यहां बात सिर्फ चुनाव की ही नहीं, पिछले दो दशक से यूपी में साइड हीरो का किरदार निभा रही कांग्रेस अब राज्य में लीड में आना चाहती है. इसे अंजाम तक पहुंचाने की आस प्रियंका गांधी में पार्टी को दिख रही है. साफ है कि सभी सीटों पर पहले ही उम्मीदवार उतारने का फैसला कर चुकी कांग्रेस अब प्रियंका गांधी के नेतृत्व में पूरे दमखम के साथ यूपी में उतरने जा रही है.
इसी के साथ प्रियंका के चुनावी तस्वीर में आने से पीएम मोदी को भी चुनौती मिलेगी. वो ऐसे कि जो खबरों के स्पेस नरेंद्र मोदी अकेले हासिल कर जाते थे, अब कम से कम हिंदी बेल्ट में तो उसमें भारी सेंधमारी होने जा रही है.
- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी वाड्रा को बनाया पार्टी महासचिव
- प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का बनाया गया इंचार्ज
- प्रियंका गांधी फरवरी के पहले सप्ताह में उत्तर प्रदेश (पूर्व) के महासचिव - प्रभारी का जिम्मा संभालेंगी
- ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए महासचिव प्रभारी नियुक्त किया गया
- अशोक गहलोत के स्थान पर केसी वेणुगोपाल कांग्रेस महासचिव नियुक्त
- गुलाम नबी आजाद हरियाणा के महासचिव - प्रभारी नियुक्त किए गए
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार प्रियंका गांधी की एक्टिव पॉलिटिक्स में एंट्री हो ही गई. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दी है. प्रियंका गांधी को कांग्रेस पार्टी ने महासचिव बनाया है और उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है.
- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केसी वेणुगोपाल को महासचिव बनाया गया है. इसके साथ ही उन्हें कर्नाटक का प्रभारी बनाया गया है.
- प्रियंका गांधी को पार्टी का महासचिव बनाया गया है. इसके साथ ही उन्हें लोकसभा चुनाव 2019 के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है. प्रियंका गांधी फरवरी के दूसरे सप्ताह में अपना पदभार संभालेंगी.
- ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी महासचिव बनाया गया है. उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है.
- उत्तर प्रदेश के प्रभारी रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को हरियाणा की जिम्मेदारी दी गई है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)