भारतीय जनता पार्टी (BJP) IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन (Syed Naseer Hussain) की चुनावी जीत का जश्न मनाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक वीडियो शेयर किया है. इसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए.
X (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो का एक वर्जन शेयर करते हुए अमित मालवीय ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के राजनीतिक सचिव सैयद नासिर हुसैन के कर्नाटक से राज्यसभा चुनाव जीतने के बाद पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए. पाकिस्तान के प्रति कांग्रेस का जुनून खतरनाक है." उन्होंने कहा कि यह देश को ''बलकानिस्तान की ओर'' ले जा रहा है. (sic)
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और बेंगलुरु के सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर किया है.
बीजेपी कर्नाटक कार्यकर्ताओं ने मंगलवार, 27 फरवरी को पुलिस को एक बयान देकर बेंगलुरु के विधान सौधा पुलिस स्टेशन में कथित नारों के संबंध में एक FIR दर्ज कराई है.
BJP ने कन्नड़ में दावा करते हुए एक ट्वीट किया है जिसका अनुवाद है;
" यह नारा राष्ट्रीय सम्मान का खुला अपमान है और भारत की अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ अपराध है. इसमें लिखा गया है कि ऐसा लगा मानो नासिर हुसैन के इन समर्थकों ने भारत में राज्यसभा या अपर हॉउस के लिए श्री नासिर हुसैन के चुनाव पर पाकिस्तान की बढ़ाई और तारीफ करते हुए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए हैं."
BJP ने मांग की है कि नासिर हुसैन और उनके समर्थकों के खिलाफ IPC की धारा 124-A (देशद्रोह) सहित विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया जाए. ऐसा न करने पर राष्ट्रीय गद्दारों का समर्थन करने के लिए गंभीर कार्रवाई की जाएगी.
कांग्रेस ने क्या प्रतिक्रिया दी?
कांग्रेस पार्टी ने नासिर हुसैन की जीत के जश्न के दौरान पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए जाने के आरोपों से साफ तौर से इनकार किया है.
अमित मालवीय की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने दावा किया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए नारे "नासिर हुसैन को नासिर सहाब कहकर पुकार रहे थे, पाकिस्तान नहीं."
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कम्युनिकेशन अध्यक्ष प्रियांक खड़गे ने भी केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को X पर जवाब देते हुए लिखा है, "ऐसा लगता है कि कर्नाटक की केंद्र सरकार के मंत्री केवल गलत सूचना फैलाने के लिए बोलते हैं और जब राज्य को अन्याय का सामना करना पड़ता है तो वे चुप रहते हैं."
उन्होंने पीएम मोदी को टैग करते हुए आगे लिखा, "ऐसा प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कैबिनेट पद और कृपा हासिल करने की कुंजी फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं के मुख्य प्रसारक के रूप में काम करना है. सब कुछ हासिल करने के बावजूद, IT मंत्री राज्य के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कीमत पर भी प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित करने के लिए बेताब कदम उठा रहे हैं.
इस प्रकार के लोग ही असली राष्ट्रविरोधी और कन्नड़ विरोधी हैं."
नासिर हुसैन ने इन वायरल आरोप को संबोधित करते हुए X पर घटनाओं का अपना पक्ष भी रखा है.
उन्होंने कहा, "मैं यहां कहना चाहूंगा कि जब मैं वहां था, जब मैं लोगों के बीच था तो वहां बहुत सारे नारे लग रहे थे लेकिन मैंने वहां कभी 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा नहीं सुना."
नासिर हुसैन ने आगे कहा, "हमने पुलिस से इसकी जांच करने को कहा है." उन्होंने कहा कि अगर किसी ने वीडियो के साथ छेड़छाड़ की है या उसे बदला है या किसी ने ऐसे नारे लगाए हैं, तो "वह कौन है? वह कहां से आया? कैसे आया?" वह वहां परिसर में दाखिल हुआ? उनका इरादा क्या था?" जांच की जरूरत है.
इस इवेंट के वायरल वीडियो में तेज और अस्पष्ट ऑडियो है. जो कहा जा रहा था उसे बेहतर ढंग से समझने के लिए, हमने और बेहतर सुनने के लिए नेताओं द्वारा शेयर किए गए वीडियो को धीमा कर दिया.
यहां, हमने देखा कि पहला नारा था "नासिर हुसैन जिंदाबाद", उसके बाद का नारा था "नासिर साब जिंदाबाद."
वीडियो में घिरे लोगों में से एक के चेहरे को देखने पर हमने पाया कि उसका मुंह "नासिर हुसैन जिंदाबाद" कहते समय होने वाले मूवमेंट से मेल खाता था.
'पावर टीवी न्यूज' के शेयर किए गए एक अलग एंगल से शूट हुए अन्य वीडियो में, हमने "सैयद नासिर हुसैन जय," "जिंदाबाद, जिंदाबाद, सैयद नासिर हुसैन जिंदाबाद," और "नासिर साब जिंदाबाद" जैसे और नारे सुनाई दिए.
हमने बेंगलुरु सेंट्रल के डीसीपी शेखर एच टेककन्नावर से संपर्क किया, जिन्होंने क्विंट को बताया कि मामले की जांच अभी भी जारी है.
जब उनसे नासिर हुसैन के बारे में नारे लगाए जाने के कांग्रेस के दावे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.
द क्विंट की वेबकूफ टीम पहले भी कई मौकों पर इसी तरह के दावों को खारिज कर चुकी है, जहां मीडिया संगठनों और राजनीतिक दल के नेताओं ने झूठा दावा किया था कि राजनीतिक रैलियों और अन्य कार्यक्रमों के दौरान पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए गए थे.
(इनपुट्स - करण महादिक )
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