पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के कथित 'किसान विरोधी' कृषि कानूनों के विरुद्ध 19 अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. ये फैसला बुधवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में लिया गया. बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई.
बता दें कि कुछ हफ्ते पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों से कृषि कानूनों को 'बेअसर करने के लिए' संभावनाएं तलाशने को कहा था.
कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार उठा रहे आवाज
मुख्यमंत्री पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि उनकी सरकार केंद्र की ओर से लाए गए नए कृषि कानूनों का विरोध करती रहेगी और इनके खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी.
अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वह केंद्रीय अधिनियमों के खतरनाक प्रभाव को नकारने के लिए राज्य कानूनों में आवश्यक संशोधन लाने के लिए विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाएंगे, जो किसानों के साथ-साथ राज्य की कृषि और अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए डिजाइन किया गया है.
मुख्यमंत्री ने पहले ही घोषणा की थी कि उनकी सरकार विधेयक, कानूनी और अन्य मार्गों के माध्यम से कृषि कानूनों के विरुद्ध मोर्चा बुलंद करेगी.
कृषि कानूनों को रोकने की कोशिश
मुख्यमंत्री ने कुछ दिनों पहले कहा था कि उन्होंने कृषि कानूनों को काउंटर करने के लिए राज्य कानूनों में आवश्यक संशोधन लाने का निर्णय किया गया है, जिसके बाद अब आगामी विधानसभा के विशेष सत्र में इस पर राज्य सरकार के महत्वपूर्ण कदम देखने को मिल सकते हैं.
कैबिनेट के फैसले के साथ, पंजाब के राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 174 के खंड (1) के अनुसार, 15वीं पंजाब विधानसभा के 13वें (विशेष) सत्र को बुलाने की मंजूरी दी है.
15वीं पंजाब विधानसभा का 12वां सत्र 28 अगस्त को संपन्न हुआ था, जिसमें बहुमत से विवादास्पद कृषि अध्यादेशों को खारिज करने का प्रस्ताव पारित किया गया था.
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