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राफेल पर राहुल का मोदी पर हमला- हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री भ्रष्ट

राफेल में खुलासा, रिलायंस से गठजोड़ के बदले मिला था कॉन्‍ट्रैक्ट

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राफेल डील पर फ्रांसीसी अखबार 'मीडियापार्ट' के नये खुलासे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर आरोप लगाए हैं. राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर तीखे सवाल किए. राहुल ने कहा, “राफेल के सीनियर अफसर सेगिन ने कहा है कि अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया है. फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बाद अब एक और अधिकारी का बयान आ गया है कि फ्रेंच कंपनी दसॉ ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस से गठजोड़ दिखा कर राफेल सौदा हासिल किया था. पीएम मोदी ने आम लोगों के पैसे को अनिल अंबानी के पॉकेट में डाल दिया है. ”

राहुल ने पीएम पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा,

पहले फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा था कि अनिल अंबानी को राफेल का कांट्रैक्ट मिलना चाहिए. अनिल अंबानी 45000 करोड़ रुपये के कर्जे में हैं. 10 दिन पहले कंपनी खोली और प्रधानमंत्री जी ने 30,000 करोड़ रुपया हिन्दुस्तान की जनता का पैसा, एयरफोर्स का पैसा अनिल अंबानी की जेब में डाला है.
राहुल गांधी

Congress president Rahul Gandhi addresses media in New Delhi

Posted by The Quint on Thursday, October 11, 2018

राहुल के प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातें

स्नैपशॉट
  • अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया. ये मुआवजा क्यों दिया जा रहा है?
  • पूरा देश राफेल की बात कर रहा है पर पीएम के मुंह के एक शब्द नहीं निकलता है
  • रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण फ्रांस गई हैं, ऐसी क्या इमरजेंसी है?
  • फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने मुझे साफ साफ कहा था कि राफेल की कीमत सीक्रेट नहीं है.
  • शरद पवार ने साफ साफ कहा है कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर बताया गया है.
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“रक्षामंत्री को तुरंत फ्रांस क्यों जाना पड़ा?”

राहुल गांधी ने कहा, “पता नहीं कि फ्रांस में क्या इमरजेंसी है कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को तुरंत फ्रांस जाना पड़ता है. मामले को दबाने के लिए कवरअप ऑपरेशन चल रहा है, मीडिया को दबाया जा रहा है. भारत की रक्षा मंत्री फ्रांस जा रही हैं इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है.”

राहुल गांधी ने कहा,

देश में मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार का है और प्रधानमंत्री जी इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं. युवा रोजगार खोज रहे हैं और प्रधानमंत्री जी अनिल अंबानी जी की चौकीदारी कर रहे हैं. ये हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री नहीं है पता चला ये अंबानी के प्रधानमंत्री हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनिल अंबानी के चौकीदार हैं. यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार का मामला है और भारत के प्रधानमंत्री भ्रष्ट हैं.
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दसॉ वही कहेगा जो मोदी सरकार कहेगी”

राहुल गांधी फ्रेंच एविएशन कंपनी दसॉ पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि वह वही कहेगा जो भारत सरकार उससे कहने को बोलेगी, क्योंकि डसॉल्ट को बड़ा ऑर्डर लेना है.

एक के बाद एक धीरे धीरे सच्चाई सामने आ रही है, पूरे देश धीरे धीरे समझ जाएगा कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री भ्रष्ट हैं. सिर्फ ये अकेला कॉन्ट्रैक्ट नहीं है, अभी धीरे धीरे और कॉन्ट्रैक्ट सामने आएंगे, पोल खुलेगी. हमने सरकार से कहा हर मामले में जांच हो, जेपीसी के लिए भी कहा लेकिन अरुण जेटली जी भाग गए.
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“रिलायंस से गठजोड़ के बदले मिला था कॉन्‍ट्रैक्ट”

दरअसल, राफेल डील को लेकर फ्रांसीसी अखबार मीडिया पार्ट ने एक बार फिर सनसनीखेज खुलासा किया है. ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है दसॉ ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस से गठजोड़ दिखा कर राफेल सौदा हासिल किया था. रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि फ्रेंच कंपनी दसॉ के सामने अनिल अंबानी के कंपनी रिलायंस के साथ राफेल डील करने की शर्त रखी गई थी और इसके अलावा कोई दूसरा ऑप्शन नहीं दिया गया था.

फ्रेंच एविएशन कंपनी दसॉ की सफाई

इस खबर के आने के बाद फ्रेंच एविएशन कंपनी दसॉ ने राफेल डील में रिलायंस को ऑफसेट पार्टनर चुनने संबंधी फ्रेंच मीडिया मीडियापार्ट की रिपोर्ट पर सफाई दी है. अपनी सफाई में दसॉ ने कहा है कि कंपनी ने "स्वतंत्र" रूप से भारतीय कंपनी रिलायंस के साथ मिलकर दसॉ रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (DRAL) बनाया था. इस कंपनी को राफेल एयरक्राफ्ट और फाल्कॉन 2000 बिजनेस जेट के लिए पार्ट बनाने थे.

दसॉ ने अपने बयान में पुष्टि करते हुए कहा है, 'भारत और फ्रांस के बीच हुए समझौते के तहत सितंबर 2016 तक भारत को 36 राफेल एयरक्राफ्ट बेचे गए थे.' फ्रेंच एविएशन कंपनी दसॉ ने साफ किया कि उसने रिलायंस ग्रुप को अपनी मर्जी से ऑफसेट पार्टनर चुना था.

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