राहुल गांधी ने रोजगार के मामले पर एक बार फिर मोदी सरकार पर करारा हमला किया है. उन्होंने कहा जिस रफ्तार से नई नौकरियों के मौके बन रहे हैं उसमें 90 परसेंट पढ़े लिखे लोगों को कभी नौकरी नहीं मिलेगी.
राहुल इन दिनों कर्नाटक दौरे पर हैं. उन्होंने गुलबर्गा में कारोबारियों और प्रोफेशनल लोगों के बीच कार्यक्रम में कहा कि चीन 24 घंटे में 50 हजार नई नौकरियां बनती हैं जबकि एनडीए सरकार सिर्फ 450 और इतने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी हर लिहाज से खतरनाक है.
इस कांफ्रेस में राहुल से लोगों ने कारोबार और नौकरियों के अलावा जीएसटी से जुड़े बहुत से सवाल पूछे. राहुल गांधी ने वहां मौजूद लोगों से पूछा जीएसटी ने उनकी लाइफ को आसान बनाया है या जटिल.
कांग्रेस अध्यक्ष का दावा है जीएसटी ने देश भर के लोगों की लाइफ को मुश्किल बना दिया है.
राहुल के मुताबिक कांग्रेस ने पूरे देश में दो या तीन रेट वाले रेट वाले जीएसटी का प्रस्ताव दिया था जिसमें 18 परसेंट अधिकतम रेट था. लेकिन बीजेपी ने उनकी एक भी बात नहीं मानी और 5 रेट वाला जीएसटी ठोक दिया जिसमें अधिकतम रेट 28 परसेंट है.
राहुल ने दावा किया कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने खासतौर पर पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम को वित्तमंत्री अरुण जेटली के पास भेजा भी था.
जेटली ने चिदंबरम से कहा था कि पीएम मोदी ने फैसला किया है कि एक जुलाई आधी रात से जीएसटी लागू करना ही है. हमने मोदी जी से कहा पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट कीजिए फिर पूरे देश में लागू कीजिए लेकिन वो नहीं माने. इसलिए मैं इसे गब्बर सिंह टैक्स कहता हूंराहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के लिए जीएसटी सिर्फ एक इवेंट थी. लेकिन अगर कांग्रेस सरकार आई तो इसे आसान बनाया जाएगा और पांच रेट से घटाकर एक या दो रेट करेंगे ताकि जो भारी कंफ्यूजन बना हुआ वो ठीक किया जा सके.
राहुल ने विदेश नीति के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी की खिंचाई की. उन्होंने कटाक्ष किया कि विदेश नीति पर बड़ी बड़ी बातें करने वाली सरकार के सामने भारत के पड़ोस में चीन की मौजूदगी बड़े पैमाने पर बढ़ रही है. भारत में भी चीन का कारोबार तेजी से पनप रहा है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पाकिस्तान के बारे में डराती रहती है पर हकीकत में ज्यादा बड़ा खतरा चीन है. पाकिस्तान के अलावा नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार, भूटान जब जगह चीन अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है. हाल में मालदीव संकट में चीन की भूमिका फिक्र करने वाली है क्योंकि मालदीव, भारत का गहरा दोस्त रहा है. हालत ये है कि भारत अपने ही पड़ोसियों से अलग थलग पड़ रहा है.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)