कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मानहानि मामले में 20 फरवरी को यूपी के सुल्तानपुर की एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में पेश हुए. कांग्रेस नेता ने अदालत में सरेंडर किया, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी. मानहानि का ये मामला केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़ा हुआ है.
एमपी-एमएलए की विशेष अदालत के मजिस्ट्रेट योगेश कुमार यादव के समक्ष 20 फरवरी को राहुल गांधी पेश हुए.
उनके अधिवक्ता संतोष पांडे ने कहा...
"उन्होंने (राहुल गांधी) आज अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. उन्होंने आत्मसमर्पण किया और अदालत ने उन्हें 30-45 मिनट के लिए हिरासत में ले लिया. उसके बाद, उनकी जमानत याचिका प्रस्तुत की गई थी और (अदालत द्वारा) स्वीकार कर ली गई थी. आगे की तारीख अभी नहीं दी गई है. उनके वकील ने कहा कि वह निर्दोष हैं और उन्होंने कोई मानहानिकारक बयान नहीं दिया है..."
क्या है पूरा मामला?
अधिवक्ता संतोष पांडेय के मुताबिक कोतवाली देहात थाने के हनुमानगंज निवासी जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन विजय मिश्र ने चार अगस्त 2018 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का केस दायर किया था.
उन्होंने आरोप लगाया था कि 15 जुलाई 2018 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक की राजधानी बंगलुरू में आयोजित प्रेसवार्ता में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिसमें 27 नवंबर 2023 को कोर्ट ने राहुल गांधी को विचारण के लिए तलब करने का आदेश देते हुए समन जारी करने का आदेश भी दिया था.
इसके पहले 18 जनवरी को इस मामले में सुनवाई हुई थी लेकिन राहुल गांधी पेश न हो सके तो उनके अधिवक्ता ने कोर्ट में दो प्रार्थना पत्र पेश कर एक समन आदेश की कॉपी और दूसरा अगली सुनवाई का मौका मांगा था.
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