अपने जन्मदिन के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को एक नई मुश्किल का सामना करना पड़ा. बीते दिनों राहुल ने दो दलित नाबालिग बच्चों को नग्न करके पिटाई किये जाने का वीडियो ट्विटर पर पोस्ट करते हुए बीजेपी और आरएसएस पर वार किया था. महाराष्ट्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए राहुल को एक नोटिस जारी किया है. आयोग का कहना है कि राहुल ने अत्याचार का शिकार हुए नाबालिग बच्चों का चेहरा उजागर करके कानून को तोड़ा है.
महाराष्ट्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत राहुल को तीन पन्नों का नोटिस भेजकर उनसे 10 दिन में जवाब देने को कहा है. नोटिस में उनसे पूछा गया है कि आखिर क्यों उन्होंने दलित नाबालिक बच्चों का वीडियो बिना ब्लर किये ट्विटर पर पोस्ट किया. देखिए नोटिस की कॉपी :
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 74 के मुताबिक, अपराध का शिकार हुए किसी भी नाबालिग बच्चे की तस्वीर, वीडियो या नाम का खुलासा नहीं किया जा सकता, ताकि उनकी पहचान उजागर न हो सके.
बता दें कि राहुल गांधी के ट्वीट को 9 हजार से ज्यादा लोगों ने शेयर किया है.
क्या है मामला
महाराष्ट्र के जलगांव जिले के वकाडी गांव में तीन नाबालिग दलित लड़कों को कथित तौर पर गांव के तालाब में नहाने पर पीटा गया और कपड़े उतरवाकर घुमाया गया. ये घटना 10 जून की है, लेकिन इसका वीडियो वायरल होने के बाद घटना सामने आई.
राहुल गांधी ने 15 जून को इस घटना के लिए आरएसएस और बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हुए घटना का वायरल वीडियो ट्वीट कर दिया था.
इस घटना के सिलसिले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर 'पॉक्सो' एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
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