ADVERTISEMENTREMOVE AD

13 प्वाइंट रोस्टर मामला: राहुल गांधी ने प्रकाश जावड़ेकर को लिखा खत

राहुल गांधी ने प्रकाश जावड़ेकर को 13 प्वाइंट रोस्टर मामले पर खत लिखकर तुरंत इसके खिलाफ अध्यादेश लाने की बात कही है. 

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को 13 प्वाइंट रोस्टर मामले में पत्र लिखा है. राहुल ने अपने खत में आशंका जताते हुए कहा कि 200 प्वाइंट रोस्टर की जगह 13 प्वाइंट रोस्टर लागू करने से कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण के नियमों को सही तरह से लागू नहीं किया जा सकता.

राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि नए सिस्टम आने से हजारों SC/ST और OBC वर्ग के कैंडिडेट की नौकरी खतरे में पड़ जाएगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

राहुल गांधी ने अपने लिखे पत्र में और क्या कहा

राहुल गांधी ने जावड़ेकर को लिखे पत्र में इस बात की ओर ध्‍यान दिलाया है कि नए 13 प्वाइंट रोस्टर के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन हो रहा है. साथ ही उन्होंने जावड़ेकर से इस मामले पर तुरंत गौर करने की भी बात कही है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने मानव संसाधन विकास मंत्री को याद दिलाया कि कैसे हाल में केंद्रीय विश्वविद्यालयों में निकली 158 सीट की वैकेंसी में एक भी सीट आरक्षित वर्ग के लोगों को नहीं मिली है.

राहुल गांधी ने प्रकाश जावड़ेकर से 200 प्वाइंट रोस्टर को वापस बहाल करने का आग्रह किया है. साथ ही इस मामले पर उन्‍होंने जावड़ेकर से तुरंत एक अध्यादेश लाकर सभी नियुक्तियों को स्थगित करने की भी बात कही है.

आपने हाल ही में संसद में बताया कि देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 158 सीट की वैकेंसी निकली. पर आप के 13 प्वाइंट रोस्टर की वजह से कोई भी सीट आरक्षित श्रेणी के लोगों को नहीं मिली. अगर 200 प्वाइंट रोस्टर से नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाती, तो कम से कम 43 सीट SC/ST वर्ग के लोगों को मिलती.
राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
0

क्या है 13 प्वाइंट रोस्टर का बवाल?

13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम यूनिवर्सिटी में आरक्षण लागू करने का नया तरीका है. इस रोस्टर सिस्टम को एससी-एसटी-ओबीसी आरक्षण सिस्टम के साथ 'खिलवाड़' बताया जा रहा है. अभी बवाल इसलिए मचा हुआ है, क्योंकि 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम पर यूजीसी और मानव संसाधन मंत्रालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी, 2019 को खारिज कर दिया.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×