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राहुल-प्रियंका गांधी को मेरठ पुलिस ने रोका, वापस लौटे दिल्ली

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को मेरठ बॉर्डर पर पुलिस ने रोक लिया है.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को मेरठ बॉर्डर पर पुलिस ने रोक लिया है. दोनों नेता नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध के दौरान हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों से मिलने जा रहे थे. नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ हुए प्रदर्शन में कुछ प्रदर्शनकारियों की मौत भी हो गई थी. कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि राहुल और प्रियंका दोनों को मेरठ के बाहर परतापुर से वापस लौटा दिया गया.

इससे पहले प्रियंका ने बिजनौर में भी उन दो युवकों के परिवारों से मुलाकात की थी, जो प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में मारे गए थे, प्रियंका ने सोमवार को इन दोनों युवकों को ‘शहीद’ करार दिया था और कहा था कि इनके नाम पर सभी लोग संकल्प लें कि संविधान की रक्षा की जाएगी.

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दोनों नेताओं के मेरठ में मृतकों के परिजनों से मिलने के लिए दिल्ली से रवाना होने की खबर मिलते ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया. राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें कोई आदेश नहीं दिखाया गया, लेकिन उन्हें वापस जाने के लिए बोल दिया गया. “हमने पुलिस से कहा कि हम सिर्फ तीन लोग जाएंगे, लेकिन वे राजी नहीं हुए.

CAA) के खिलाफ कांग्रेस के टॉप नेताओं ने सोमवार को राजघाट स्थित महात्मा गांधी समाधि स्थल के पास सत्याग्रह किया. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत तमाम नेताओं सत्याग्रह किया. उनके साथ सैकड़ों पार्टी समर्थक भी विरोध पर बैठे थे.

मेरठ में 5 लोगों की मौत

नागरिकता कानून के विरोध उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनों के दौरान मेरठ में शुक्रवार को हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है. मेरठ में शुक्रवार को हुई हिंसा में 35 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे और उनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. इन मामलों में अभी तब 102 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और बाकियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की कोशिश जारी है.

आईजी के अनुसार, मेरठ में फिलहाल इंटरनेट सेवाएं बंद है. ‘सोशल मीडिया लैब’ लगातार भड़काऊ पोस्ट पर नजर रख रही है. इलाके में शांति के लिए थाना स्तर पर शांति कमेटियां भी गठित कर दी गई हैं, जिसमें स्थानीय लोगों को भी शामिल किया गया है.

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