ADVERTISEMENTREMOVE AD

सभी धर्मों-जातियों को साथ लिए बिना इकनॉमी नहीं चल सकती:राहुल गांधी

नागरिकता संशोधन कानून लाने के बाद से ही सरकार पर धार्मिक आधार पर भेदभाव करने के आरोप लग रहे हैं.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है 'भारत की इकनॉमी सभी धर्मों, जातियों को साथ में लिए बिना नहीं तरक्की कर सकती. जब तक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में हर भारतीय की आवाज नहीं सुनी जाएगी तब तक अर्थव्यवस्था और रोजगार का कुछ नहीं हो सकता.’

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हैं. वहां उन्होंने अर्थव्यवस्था और रोजगार को लेकर नसीहत दी है. राहुल वहां नेशनल ट्राइबल डान्स फेस्टिवल का उद्घाटन करने गए हैं. इसी कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने ‘सभी धर्मों-जातियों को साथ लाए बिना आर्थिक तरक्की नहीं हो सकती’ ये बयान दिया है.

राहुल गांधी ने बताया है कि भारत की इकनॉमी की तरक्की का रास्ता क्या हो. एक तरह से उन्होंने सरकार के काम करने के तरीके पर भी सवाल दागा है. नागरिकता संशोधन कानून लाने के बाद से ही सरकार पर धार्मिक आधार पर भेदभाव करने के आरोप लग रहे हैं. ऐसे में राहुल ने धार्मिक भेदभाव के आरोप और अर्थव्यवस्था को जोड़कर सरकार को चेतावनी दी है.
‘भारत की इकनॉमी सभी धर्मों, जातियों को साथ में लिए बिना नहीं तरक्की कर सकती. जब तक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में हर भारतीय की आवाज नहीं सुनी जाएगी तब तक अर्थव्यवस्था और रोजगार का कुछ नहीं हो सकता.’
राहुल गांधी, कांग्रेस नेता

कई शहरों में कारोबार पर बुरा असर

CAA-NRC के खिलाफ लगातार हिंसक प्रदर्शन और धारा 144 लागू होने से जरूरी सामानों की आवाजाही और कारोबार पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. गौर करने की बात यह है कि इन प्रदर्शनों में ज्यादातर बड़े शहर ही प्रभावित हुए हैं. जिसमें दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, कोलकाता, अहमदाबाद, हैदराबाद, बेंगलुरु जैसे शहर शामिल हैं. प्रदर्शन के दौरान और उसके बाद इन इलाकों में यातायात प्रभावित हुई और सुरक्षा के मद्देनजर यहां पहुंचने और यहां से देश के दूसरे इलाकों तक होने वाले खाद्य सामग्री और उपयोगी चीजों के व्यापार पर बुरा असर पड़ा है. जैसे-जैसे यह उग्र प्रदर्शन छोटे इलाकों में फैलते गए, उन हिस्सों में भी कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो गए.

यूपी में ज्यादा असर!

गौर करने की बात यह है कि छोटे इलाकों में भी किराना की दुकानों, मेडिकल स्टोर जैसी जगहों पर AEPS यानी आधार पेमेंट सिस्टम से होता है. उत्तर प्रदेश में इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों की तादाद काफी ज्यादा है. सरकारी डेटाबेस डिजीधन के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में हर यूजर महीने में कम से कम 6 बार UPI का इस्तेमाल करता है. लगातार इंटरनेट सेवाएं बंद रहने से UPI के जरिए होने वाली मोबाइल बैंकिंग पर बुरा असर पड़ा है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×