राफेल मुद्दे पर राहुल गांधी लगातार आक्रामक नजर आ रहे हैं. इसी सिलसिले में वे शनिवार दोपहर में HAL(हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) के कर्मचारियों से बेंगलुरू स्थित हेडक्वार्टर में मिलने वाले हैं. यहां वे कर्मचारियों को 3 बजे के आसपास संबोधित भी करेंगे.
कांग्रेस लगातार आरोप लगा रही है कि फ्रेंच कंपनी डसॉल्ट एविएशन के साथ हुई डील में HAL को नजरंदाज किया गया है. बता दें कि डसॉल्ट कह चुकी है कि 36 फाइटर प्लेन के लिए हुई डील में रिलायंस की 10 फीसदी हिस्सेदारी है. कर्नाटक कांग्रेस के प्रेसिडेंट दिनेश गुंडु राव ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है.
क्यों HAL के साथ हुआ सौतेला व्यवहार: कांग्रेस
कांग्रेस राफेल डील में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को फायदा पहुंचाए जाने का आरोप लगा रही है. कांग्रेस का सवाल है कि आखिर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी HAL के बजाए एक प्राइवेट कंपनी को सरकारी डील में साझेदार क्यों बनाया गया. जबकि यूपीए के समय फाइनल हुए ड्रॉफ्ट में HAL को पार्टी बनाया गया था.
कांग्रेस का कहना है कि ‘HAL के कांट्रेक्ट को खत्म करके सरकार कर्नाटक के लोगों से नौकरियां छीन रही है. अगर HAL को इस कांट्रेक्ट में शामिल किया जाता तो कई लोगों को रोजगार मिल सकता था.’ बीजेपी ने इन आरोपों से इंकार किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने 36 राफेल फाइटर्स के लिए फ्रांस के साथ 10 अप्रैल 2015 को करार किया था.
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