मुंबई के एलफिंस्टन रेल हादसे के बाद रेलमंत्री पीयूष गोयल ने हरकत में आते हुए एक के बाद एक कई ऐलान किए हैं. ये रेलवे की सुरक्षा में उठाए गए कदमों की ही अगली कड़ी है. रेलमंत्री गोयल ने एक आपात बैठक बुलाई जिसमें रेलवे के कई बड़े अधिकारी शामिल हुए.
रेल सुरक्षा पर रेलमंत्री के बड़े ऐलान
फुट ओवर ब्रिज को लेकर 150 साल पुरानी परंपरा को बदलने की तैयारी कर ली गई है. फुटओवर ब्रिज अब यात्री के सहूलियत की चीज न होकर एक जरूरी और अनिवार्य सुविधा के तौर पर बनाया जाएगा.
सुरक्षा के मामले में लालफीताशाही को बिल्कुल खत्म किया जाएगा. पीयूष गोयल ने कहा कि जरूरी कदम उठाने में होने वाली देरी को देखते हुए सभी रेलवे जोन के जीएम को सुरक्षा के लिए जरूरी खर्च करने की छूट दी जा रही है.
मुंबई लोकल के भीड़ भरे स्टेशनों पर अतिरिक्त एस्केलेटर का बंदोबस्त किया जाएगा. जिसे बाद में तमाम दूसरे स्टेशनों पर भी लागू किया जाएगा.
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे के करीब 200 अफसरों को मुख्यालयों से निकालकर फील्ड स्टाफ के तौर पर तैनात किया जाएगा ताकि जमीन पर ऑपरेशन ठीक तरह से चल सकें. साथ ही तमाम प्रोजेक्ट को वक्त पर लागू किया जा सके.
अगले 15 महीने में, मुंबई की हर लोकल ट्रेन के भीतर सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉल किए जाएंगे. इसके साथ ही देश की बाकी ट्रेनों में भी ये काम साथ-साथ चलता रहेगा.
आपको बता दें, शुक्रवार सुबह करीब साढ़े दस बजे मुंबई के एलफिंस्टन से परेल को जोड़ने वाले फुटओवर ब्रिज पर भगदड़ मचने से 23 लोगों की जान चली गई थी. इसके बाद से ही सरकार पर विपक्ष और शिव सेना ने तीखे हमले करना शुरू कर दिया. राज ठाकरे ने भी सरकार को घेरते हुए बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में अड़ंगा डालने की चेतावनी दी है.
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