भारतीय रेल ने अपने यात्रियों को बेहतर खाना देने के लिए नई कैटरिंग पॉलिसी लॉन्च की है. रेलमंत्री सुरेभ प्रभु ने इस नई पॉलिसी का ऐलान करते हुए बताया कि अब खाने का जिम्मा आईआरसीटीसी को दिया जाएगा.
अभी तक ट्रेनों में यात्रियों को खाना देने का काम ठेकेदार करते थे, लेकिन अब जिनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो जाएगा, उसको रिन्यू नहीं किया जाएगा.
आईआरसीटीसी को सात साल बाद फिर से खाने से जुड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है. 2010 में रेल मंत्री रहते हुए ममता बनर्जी ने आईआरसीटीसी को ट्रेन में यात्रियों को खाना उपलब्ध कराने के काम से मुक्त कर दिया था.
आईआरसीटीसी ने एक ट्वीट कर खाने के दाम भी बताए हैं. अब इसके पास खाने का मेन्यू और रेट तय करने का भी अधिकार होगा, हालांकि इसके लिए आईआरसीटीसी को रेलवे बोर्ड से सलाह करनी होगी.
ट्रेनों में यात्री काफी लंबे समय से बेहतर भोजन न मिलने की दिक्कत झेल रहे हैं. उनकी शिकायतें रहती हैं कि रेलवे अच्छा खाना उपलब्ध नहीं करा पाता. इसलिए 2016 के बजट में ही रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने आईआरसीटीसी के कैटरिंग सेवा संभालने की बात कही थी.
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