ADVERTISEMENTREMOVE AD

झाड़ू-पोछा, चक्की- राजस्थान शिक्षा विभाग का महिलाओं को फिटनेस मंत्र

इससे पहले भी एक बार 9वीं क्लास की किताब में गधे को गृहिणी से बेहतर बताया गया था.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

राजस्थान शिक्षा विभाग ने महिलाओं को फिट रहने के लिए ऐसी नसीहत दी है जिसे सुनकर हर कोई हैरान है. शिक्षा विभाग का कहना है कि अगर महिलाएं फिट रहना चाहती हैं और वो योगा नहीं कर पातीं तो उन्हें झाड़ू-पोंछा करना चाहिए और चक्की पीसना चाहिए. राज्य के शिक्षा विभाग की मासिक पत्रिका में ये सारी बातें कही गई हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ऐसे समय में जब सरकार महिला सशक्तिकरण और शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है, राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग की तरफ से लैंगिक भेदभाव पर आधारित इस सलाह की चारों तरफ कड़ी आलोचना हो रही है.

इससे पहले भी एक बार 9वीं क्लास की किताब में गधे को गृहिणी से बेहतर बताया गया था.
महिलाओं को फिट रहने के लिए ऐसी नसीहत सुनकर हर कोई हैरान है
‘शिविरा’ पत्रिका, नवंबर 2017 अंक

पत्रिका में स्वस्थ रहने के 'स्टीरियोटाइप' सलाह

राजस्थान सरकार की ‘शिविरा’ पत्रिका मुख्य रूप से स्कूल टीचर्स पर फोकस करती है. इस मैगजीन में शिक्षा और व्यक्तित्व विकास से जुड़ी बातें छपती हैं. इस बार भी नवंबर के एडिशन में ‘स्वस्थ रहने के सरल उपाय’ शीर्षक के साथ एक लेख छापा गया है. इस लेख के तहत फिट रहने के लिए करीब 14 सुझाव दिए गए हैं, जिसमें महिलाओं को इन तरीकों का पालन करके स्वस्थ रहने की सलाह दी गई है.

इस लेख में महिलाओं को फिट रहने की सलाह देते हुए कहा गया है -

स्वस्थ रहने के लिए सुबह-सुबह टहलना जरूरी है. टहलने के अलावा दौड़ना, साइकिल चलाना, घुड़सवारी, तैरना या कोई भी खेलकूद, व्यायाम के अच्छे उपाय हैं. स्त्रियां चक्की पीसना, बिलौना बिलोना, रस्सी कूदना, पानी भरना, झाड़ू पोंछा लगाना आदि घर के कामों में भी अच्छा व्यायाम कर सकती हैं. रोज थोड़े समय छोटे बच्चों के साथ खेलना, 10-15 मिनट खुलकर हंसना भी अच्छा व्यायाम होता है.  
‘शिविरा’ पत्रिका, नवंबर 2017 अंक
इससे पहले भी एक बार 9वीं क्लास की किताब में गधे को गृहिणी से बेहतर बताया गया था.
शिक्षा विभाग की तरफ से लैंगिक भेदभाव पर आधारित इस सलाह की चारों तरफ कड़ी आलोचना हो रही है.
‘शिविरा’ पत्रिका, नवंबर 2017 अंक
ADVERTISEMENTREMOVE AD

पहले भी हुई है किरकिरी

ऐसा पहली बार नहीं है जब राजस्थान सरकार की ऐसी किसी वजह से किरकिरी हुई है. इससे पहले 9वीं क्लास की हिंदी की किताब में एक गृहिणी की गधे से तुलना की गई थी. उसमें कहा गया था कि गधा एक गृहिणी की तरह होता है. उसे दिनभर मेहनत करनी पड़ती है, और कई बार भूखा-प्यासा भी रहना पड़ता है. किताब में गधे को गृहिणी से बेहतर भी बता दिया गया और लिखा गया कि गृहिणी तो शिकायत करती भी है, गधा कभी मालिक को धोखा नहीं देता.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×