राजस्थान में राजनीतिक संकट अब टल गया है. बागी हुए सचिन पायलट ‘वापस’ लौट आए हैं. अशोक गहलोत और पायलट ने कहा है कि वो पिछले कुछ समय में उनके बीच रहे तनाव को पीछे छोड़ रहे हैं. राहुल और प्रियंका गांधी से 10 अगस्त को मुलाकात करने के बाद सचिन पायलट ने वापस लौटने का फैसला किया था. गहलोत और पायलट ने इस पर क्या-क्या कहा, यहां जानिए.
शांति और भाईचारा रहेगा: गहलोत
राजनीतिक तनाव के बाद अपने पहले बयान में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि अगर कोई विधायक उनसे खफा है, तो ये उनकी जिम्मेदारी है कि वो उसकी बात को समझें. गहलोत ने कहा, "मैं ये पहले भी करता आया हूं और आगे भी करता रहूंगा."
हमारी पार्टी में शांति और भाईचारा रहेगा. पार्टी ने मुद्दों को सुलझाने के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी बना दी है. बीजेपी ने सरकार गिराने की बहुत कोशिश की, लेकिन आखिर में हमारे सब विधायक साथ हैं, किसी ने हमारा साथ नहीं छोड़ा.अशोक गहलोत
गहलोत ने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और सीबीआई का गलत इस्तेमाल हो रहा है और धर्म के नाम पर राजनीति हो रही है. गहलोत बोले, "लेकिन हमारी सरकार अपने पांच साल पूरे करेगी और अगले चुनाव भी जीतेगी."
मैंने 'लक्ष्मण रेखा' पार नहीं की: पायलट
मीडिया से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि वो किसी पद की इच्छा नहीं रखते हैं. पायलट ने कहा, "ये चीजें आती-जाती रहती हैं. हमें पब्लिक का विश्वास खुद में बढ़ाने की दिशा में काम करते रहना चाहिए."
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में उपमुख्यमंत्री पद के सवाल पर पायलट ने कहा, "मैंने पार्टी से कोई मांग नहीं रखी है. मैं एक कार्यकर्ता, एक MLA बनकर काम करता रहूंगा. मैं इस मिट्टी के लिए समर्पित हूं. राजस्थान के लोगों का मुझपर एहसान है, मैं काम करता रहूंगा."
सार्वजानिक बातचीत में एक ‘लक्ष्मण रेखा’ होनी चाहिए और 20 सालों में मैंने कभी वो रेखा पार नहीं की. हमें लोगों के सामने ये उदाहरण पेश करना चाहिए कि निजी हमले और एक-दूसरे के लिए कटु शब्द का इस्तेमाल ठीक नहीं है और जरूर भी नहीं है. मैंने ये कभी नहीं किया और मैं नहीं समझता कि मुझे इस पर प्रतिक्रिया भी देनी चाहिए.सचिन पायलट
अशोक गहलोत के उन्हें 'निकम्मा' कहे जाने के मामले पर पायलट ने जवाब देने से मना कर दिया. उन्होंने कहा, "मैंने अपने परिवार से कुछ मूल्य सीखे हैं. चाहें मैं किसी के कितने ही खिलाफ क्यों न हूं, ऐसी भाषा का इस्तेमाल कभी नहीं किया है. अशोक गहलोत जी मुझसे बड़े हैं और मैं निजी तौर पर उनका सम्मान करता हूं, लेकिन काम से संबंधी कोई चिंता जाहिर करने का मुझे अधिकार है."
जो कहा गया मुझे दुख है उस बात का, जिस प्रकार के शब्दों का इस्तमाल किया गया. मैंने उस समय भी प्रतिक्रिया नहीं दी थी, आज भी नहीं दूंगा. जिसने जो कहा भूल जाना चाहिए. दुख जरूर होता है, लेकिन राजनीति में संवाद का एक लेवल बनाए रखना चाहिए.ANI से सचिन पायलट
राहुल, प्रियंका से क्या बातचीत हुई?
राहुल और प्रियंका गांधी से अपनी मुलाकात के बारे में पायलट ने कहा कि उन्होंने मेरी चिंताओं को धैर्य के साथ सुना और आश्वासन दिया कि इनका हल करने के लिए एक रोड मैप बनाया जाएगा.
पायलट ने कहा, "पार्टी ने एक कमेटी बनाई है. जो मुद्दे हमने उठाए हैं, वो जरूरी हैं. राजनीति में द्वेष और निजी दुश्मनी की कोई जगह नहीं."
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