शुक्रवार, 6 फरवरी को राजस्थान (Rajsthan) के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने दावा करते हुए कहा कि तंबाकू का कैंसर से कोई संबंध नहीं है. बाद में उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वो सिगरेट नहीं बल्कि हुक्का में इस्तेमाल होने वाले तंबाकू का जिक्र कर रहे थे. परसादी लाल मीणा का यह बयान जयपुर में विश्व कैंसर दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आया.
उन्होंने गांवों में ऐसे लोगों का उदाहरण दिया जो तंबाकू का सेवन करते हैं लेकिन 100 साल तक जिंदा रहते हैं.
स्वास्थ्य मंत्री का बयान आने के बाद विवाद जैसी स्थित बनती दिखी और कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके स्तीफे की मांग भी कर दी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक तंबाकू का सेवन हृदय और सांस संबंधी रोगों, 20 से अधिक तरह के कैंसर के और कई अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बनता है.
उन्होंने अपने बयान में कहा था कि कैंसर का संबंध तंबाकू या बीड़ी से नहीं है, कैंसर किसी को भी हो सकता है.
'तंबाकू का सेवन करने वाले 100 साल जीते हैं'
मैं गांव में रहता हूं और मैंने ऐसे-ऐसे लोगों को देखा हैं जो दिन में बीस बार तो तंबाकू का सेवन करते हैं, खूब बीड़ी,सिगरेट पीते हैं लेकिन उन्हें कभी कैंसर नहीं होता. ऐसे लोग हैं जो दिन में 20 बार तंबाकू का सेवन करते हैं और वे 80-100 साल तक जिंदा रहते हैं.
यहां तक कि जो लोग तंबाकू का सेवन नहीं करते हैं, उन्हें भी कैंसर हो जाता है. शहरों में तंबाकू का सेवन कौन करता है? यहां तक कि शहरों में भी लोगों को कैंसर है. जो लोग बीड़ी नहीं पीते हैं उन्हें भी है. कैंसर किसी को भी हो सकता है, यह खाने की आदतों-पीने की आदतों और जीवनशैली से होता है.परसादी लाल मीणा, स्वास्थ्य मंत्री, राजस्थान
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मीणा ने बाद में अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरा मतलब गांवों में पारंपरिक हुक्का में इस्तेमाल होने वाले तंबाकू से था, जिसका कई गांव के लोग अधिक सेवन करते हैं और वे कई सालों तक जिंदा रहते हैं, उन्हें कैंसर नहीं होता है. मैं सिगरेट या गुटखा की बात नहीं कर रहा था, गुटखा से कैंसर होता है.
हेल्थ के क्षेत्र में काम करने वाले राजस्थान के एक एनजीओ ‘जन स्वास्थ्य अभियान’ ने राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री के दावों की निंदा की है.
एनजीओ ने कहा कि राज्य के एक मंत्री का यह गैर-जिम्मेदाराना बयान है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एक मंत्री ने पूरी दुनिया में वैज्ञानिक साक्ष्यों द्वारा स्थापित तथ्यों को सिरे से खारिज करना कई मायनों में चिंताजनक है. बयान में आगे कहा गया कि जन स्वास्थ्य अभियान राजस्थान उनके बयान की निंदा करता है और मांग करता है कि वह या तो अपना बयान तुरंत वापस लें या फिर अपने पद से इस्तीफा दे दें.
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