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राजदीप सरदेसाई ने अर्णब पर उठाए बड़े सवाल, अर्णब कब देंगे जवाब?

अर्णब ने राजदीप के सवालों का अब तक नहीं दिया जवाब

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क्या अर्णब गोस्वामी गुजरात दंगों के दौरान फील्ड से रिपोर्टिंग कर रहे थे? क्या इस दौरान उनकी गाड़ी पर हमला हुआ और बचाव में उन्हें अपने धर्म का सबूत देने की जरूरत पड़ी?

पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने इन सारे मसलों पर बड़ा खुलासा किया है. एक ट्वीट करके राजदीप ने अपने उस समय के सहयोगी अर्णब गोस्वामी के बारे में कहा कि वो तो दंगों के दौरान रिपोर्टिंग में गए ही नहीं. अर्णब ने अपने एक भाषण में दावा किया था कि-

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“अचानक हमारी एंबेसडर कार को रोक दिया गया. हमारी कार पर त्रिशूल से हमला कर दिया गया. कार की खिड़कियां तोड़ दी गईं. ये जिंदगी की वो सच्चाई है जो मैंने अपनी आंखों से देखी. हमसे हमारे धर्म को लेकर सवाल पूछे जाने लगे. ये मुख्यमंत्री आवास से 50 मीटर दूर हुआ. ये कैसे हुआ, मुझे नहीं पता. मैंने कहा, हम पत्रकार हैं लेकिन त्रिशूल लहराने वाले हमसे सिर्फ हमारे धर्म के बारे में पूछते रहे. शुक्र है कि हमारे बीच कोई अल्पसंख्यक समुदाय से नहीं था. हमारे पास प्रेस आईकार्ड थे लेकिन ड्राइवर के पास नहीं था. मेरा ड्राइवर थर-थर कांप रहा था. मैंने नफरत को करीब से देखा. वो लोग उसे मार देते लेकिन उसकी कलाई पर एक धार्मिक टैटू था.”

अर्णब के भाषण के इस हिस्से को वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने सफेद झूठ करार दिया है. उन्होंने ट्वीट किया: वाह, मेरे दोस्त अर्णब दावा कर रहे हैं कि गुजरात दंगों के दौरान मुख्यमंत्री आवास के पास उनकी कार पर हमला हुआ लेकिन सच ये है कि वो अहमदाबाद में हुए दंगों को कवर ही नहीं कर रहे थे.

दिलचस्प बात ये है कि घटना तो सच्ची है लेकिन ये अर्णब गोस्वामी के साथ न होकर खुद राजदीप सरदेसाई के साथ घटी थी. एक के बाद एक कई ट्वीट के जरिए सरदेसाई ने इस मामले पर रुख साफ किया है. राजदीप ने कहा कि फेंकूगीरी की भी कोई सीमा होती है. इस वीडियो को देखने के बाद मैं अपने पेशे को लेकर शर्मिंदा हूं.

वरिष्ठ पत्रकार संजीव सिंह, नलिन मेहता और निकुंज गर्ग ने भी ट्वीट के जरिए राजदीप की बात का समर्थन किया है. संजीव सिंह ने लिखा- ये एक चौंकाने वाला खुलासा है क्योंकि घटना के वक्त अर्णब, गुजरात में थे ही नहीं.

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जिस वीडियो का जिक्र राजदीप ने किया है, वो कुछ पुराना सा लगता है. यूट्यूब पर अर्णब का ये वीडियो साल भर पहले अपलोड किया गया था. हालांकि, राजदीप ने एक ट्वीट में लिखा है- मुझे बताया गया है कि अर्णब ने ये गुजरात दंगों पर ये भाषण असम में दिया था जिस समय कांग्रेस सत्ता में थी. क्या मुझे ताज्जुब हुआ? पोस्ट-ट्रुथ समाज में सब चलता है!

राजदीप ने सच्चाई जानने के लिए अपनी 2014 में लिखी किताब का हवाला भी दिया है.

अर्णब ने अब तक राजदीप के गंभीर आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया है. लेकिन जिस तरह से राजदीप ने बाकायदा वीडियो का हवाला देते हुए जो सवाल उठाए हैं, उनका जवाब दिया जाना बेहद जरूरी है ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके.

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