अगर सवाल हो कि क्या रजनीकांत राजनीति में शामिल होंगे और जवाब मिले कि राजनीति रजनीकांत में शामिल हो सकती है तो आपको शायद हैरानी नहीं हो क्योंकि रजनीकांत की लोकप्रियता को लेकर इस तरह के जोक्स सोशल मीडिया पर आम हैं.
लेकिन इस बार अभिनेता के राजनीति में जाने के सवाल पर गंभीर अटकलें चल रही हैं. खबरों के मुताबिक वो जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे.
रजनीकांत ने जिस तरह के संकेत दिये हैं, उसके मुताबिक वो सियासी रुख अख्तियार कर सकते हैं. अगर ये सही हुआ तो तमिलनाडु की राजनीति में नये आयाम देखने को मिलेंगे.
15 मई को 8 साल बाद अपने ‘थलाइवा’ से मिलने वाले फैन्स के बीच उस समय उत्साह देखने को मिला जब रजनीकांत ने उनसे कहा कि ‘जंग' के लिए तैयार रहिए. इसे उनके राजनीति में जाने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.
फैन्स की है चाहत, ‘थलाइवा’ राजनीति में आएं
पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद आई राजनीतिक शून्यता की स्थिति में रजनीकांत की ये टिप्पणी सही समय में की गई मानी जा रही है. रजनीकांत के फैंस को लगता है कि वो इस राजनीतिक कमी को पूरा कर सकते हैं.
जब बीते सोमवार को उन्होंने कहा कि उनकी कोई राजनीतिक आकांक्षा नहीं है लेकिन वे पैसे के ईद-गिर्द सोचने वालों को बाहर का रास्ता दिखा देंगे तो लगा कि उन्होंने भ्रष्टाचार पर आम आदमी की नब्ज को पकड़ने का प्रयास किया है.
रजनीकांत पर क्या बोले अमित शाह
सुपरस्टार रजनीकांत के राजनीति में आने पर अमित शाह ने कहा कि राजनीति में आने का फैसला उन्हें ही करना है. हालांकि उन्होंने बोला कि अच्छे लोगों को राजनीति में आना चाहिए. वहीं रजनीकांत के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि हर अच्छे व्यक्ति का बीजेपी में स्वागत है. शाह ने ये भी बताया कि रजनीकांत ने उनकी अभी कोई बात नहीं हुई है.
तमिलनाडु के बीजेपी नेता और केंद्रीय राज्यमंत्री पॉन राधाकृष्णन ने हाल में ही कहा था, अगर रजनी राजनीति में आते हैं, तो हम उनका स्वागत करते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने भी साल 2014 में अपने चेन्नई दौरे के दौरान रजनीकांत से घर पर उनसे मुलाकात की थी, जिसके बाद से उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें जोरों पर हैं.
अपनी पार्टी बनाएंगे!
इस बीच रविवार को तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सु थिरुनवुकरसार का अहम बयान आया है. उन्होंने कहा है कि तमिल सुपरस्टार रजनीकांत किसी भी राष्ट्रीय या क्षेत्रीय राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे, बल्कि अपनी पार्टी बनाएंगे.
इस बयान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि थिरुनवुकरसार और रजनीकांत के बीच लगभग 40 साल पुरानी दोस्ती है.
हालांकि राजनीति में रजनी की एंट्री को लेकर पहली बार अटकलें नहीं लग रहीं. इससे पहले साल 1996 में भी अटकलें लगी थीं, जब उन्होंने पब्लिकली कहा था कि जनता जयललिता के पक्ष में मतदान ना करें . रजनीकांत ने तब कहा था कि अगर AIADMK फिर से चुनी गई, तो भगवान भी तमिलनाडु को नहीं बचा सकता.
इसके बाद अम्मा वह विधानसभा चुनाव हार गई थीं और डीएमके-टीएमसी (तमिल मनीला कांग्रेस) को भारी जीत मिली थी.
रजनीकांत के फैन्स ऐसे किसी दिन का इंतजार कर रहे हैं कि क्या उनके ‘थलाइवा' एमजीआर जैसा कोई जादू करेंगे.?
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