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किसान आंदोलन: ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद क्या बोले राकेश टिकैत?

किसान नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल को एक मॉडल स्टेट की तरह काम करना चाहिए.

Published
भारत
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भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की. बैठक के बाद टिकैत ने कहा कि ममता बनर्जी ने किसान आंदोलन को समर्थन देने का आश्वासन दिया है. किसान नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल को एक मॉडल स्टेट की तरह काम करना चाहिए और किसानों को और लाभ दिया जाना चाहिए.

वहीं, बैठक के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “उद्योगों को नुकसान हो रहा है और दवाओं पर जीएसटी लगाया जा रहा है. पिछले 7 महीनों से, केंद्र सरकार ने किसानों से बात करने की कोशिश भी नहीं की. मेरी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए.”

हमें मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि वह किसान आंदोलन का समर्थन जैसी करती थी वैसे ही करती रहेंगी. इसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं. पश्चिम बंगाल को मॉडल स्टेट के रूप में काम करना चाहिए और यहां के किसानों को अधिक लाभ मिले हम यही चाहते हैं.
बंगाल में राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन
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इससे पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान राकेश टिकैत ने टीएमसी को अपना समर्थन दिया था. उन्होंने लोगों से बीजेपी उम्मीदवारों को वोट नहीं देने की अपील की थी. जिसका कहीं न कहीं फायदा टीएमसी को हुआ.

यूपी चुनाव में बीजेपी को हो सकता है नुकसान?

किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनो को तुरंत रद्द कर दिया जाए. साथ ही एमएसपी को लेकर भी कानून बनाने की बात कही गई है, लेकिन सरकार ऐसा करने के मूड में नहीं दिख रही. किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तब तक वो हर उन राज्यों में जाकर बीजेपी के खिलाफ वोट करने को कहेंगे, जहां चुनाव होने जा रहे हैं.

अब पश्चिम बंगाल के बाद यूपी में अगले कुछ ही महीनों में चुनाव होंगे, अगर तब तक किसानों से बात नहीं बनती है तो ये बीजेपी के लिए बड़ा नुकसान हो सकता है. खासतौर पर पश्चिमी यूपी में बीजेपी के लिए किसान नेता मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं.

6 महीने से जारी आंदोलन

किसान संगठन पिछले छह महीने से केंद्र सराकर के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. दिल्ली के सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान महीनों से टेंट लगाकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर किसानों ने 26 मई को देशभर में प्रदर्शन भी किया था.

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